भीषण गर्मी में प्रशिक्षण स्थगित करने की मांग, टीचर्स एसोसिएशन
कोरबा 6 जून। कहने के लिए दो जून से नौतपा का समापन हो गया है लेकिन वर्तमान में 42 डिग्री टेम्प्रेचर कायम है। इसे हर स्तर पर महसूस किया जा रहा है। तमाम तरह की समस्याएं हर कहीं बनी हुई है इसे हासिए पर रखते हुए जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के अलावा कोरबा और पाली के बीईओ ने शिक्षकों के लिए तीन दिन का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया है। इस बारे में प्रशिक्षण स्थल की अव्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया। न ही शिक्षकों के हितों के बारे में साोचा गया। टीचर्स एसेसिएशन ने आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए प्रशिक्षण को जून के अंतिम दिनों में रखने की मांग की है।
भीषण गर्मी में प्रशिक्षण स्थगित करने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनोज चौबे ने बताया कि प्रशिक्षण संस्थान कोरबा एवं बीईओ के आदेश पर संकूलों में 7 जून से 9 जून तक सुबह 10.30 बजे से 5 बजे तक 6.30 घंटा तीन दिवसीय शाला सुरक्षा प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है,जबकि अधिकांश संकूलों में कूलर, पंखा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती एवं भीषण गर्मी में 6.30 घंटा कि प्रशिक्षण से काफी कठिनाई होगी। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष मनोज चौबे ने जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन प्रसाद भारद्वाज को ज्ञापन देकर मांग किया है कि भीषण गर्मी व संकुलों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर इसी माह जून के अंतिम सप्ताह में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की मांग किया गया है। प्रमोद सिंह राजपूत, कन्हैया देवांगन,नरेंद्र चंद्रा, प्रदीप जयसवाल, बुद्धेश्वर सोनवानी, अनिल भटपहरे, अशोक भारद्वाज,सुनील जायसवाल,श्रीमती माया देवी छत्री, राम शेखर पांडेय,उपेंद्र राठौर, श्रीमती मधुलिका दुबे, यशोधरा पाल,श्रीमती अरुधंती मिश्रा,श्रीमती निर्मला खूंटे, श्रीमती उर्मिला राठौर,आनंद पांडेय, जय कमाल,बसंत मीरी, प्रताप राजपूत,संतोष यादव,शिव साहू,प्रदीप पांडेय,कन्हैया साहू, बहादुर सिंह,अरुण कुर्रे, जगजीवन कैवार्त आदि ने जून माह के अंतिम सप्ताह में प्रशिक्षण आयोजित करने की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोनी ने प्रशासन से मांग की है कि नर्सरी और प्राइमरी स्क्ूलों में ग्रीष्मावकाश की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। जानकारी मिली है कि जून के द्वितीय सप्ताह से यहां पर सत्र प्रारंभ करने की तैयारी है। वर्तमान में गर्मी के तेवर के कारण हर कोई परेशान है। ऐसे में स्कूलों को खोलकर बच्चों को बुलाना न केवल अनुचित है बल्कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि ग्रीष्म अवकाश की समयसीमा का विस्तार किया जाए।