तिरछी-नज़र @ रामअवतार तिवारी
केन्द्रीय एजेंसियों की धमक
देशभर में इनकम टैक्स, सी बी आई और ईडी के लगातार छापे के बाद चारों तरफ भय का वातावरण बना हुआ है। पिछले सप्ताह छापों के लेकर तरह- तरह की अफवाह उड़ती रही ।कोई अफसर के घर छापे की तैयारी की कहानी बता रहा है, तो कोई बड़े उद्योगपति के निशाने पर होने की सूचना दे रहा है परंतु वास्तविकता इससे अलग है। छत्तीसगढ़ में पक्का और कच्चे का काम करने वाले बड़े उद्योगपति और खासकर सत्ता के करीबी माने जाने वाले व्यापारी इस समय चौकस रह कर काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि जिस बड़े उद्योगपति के यहां कच्चे का काम लंबा चौड़ा है वो आफिस बंद करके बैठे हुए हैं। बड़े लेन देन पर रोक लगाकर केन्द्रीय एजेंसियों की पदचाप खोजने में दिन गुजर रहा है।
अंकित का बढ़ता कद
सीएम सचिवालय में आई. ए. एफ अफसर अंकित आनंद के प्रवेश के बाद कई तरह की अटकलें लग रही है। आधा दर्जन अफसरों के दिल्ली जाने के बाद युवा अफसरों में अंकित आनंद का नाम मेहनती अफसर के रुप में पहचान बनी है। अंकित को राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं को धरातल में उतारने का जिम्मा मिल सकता है। साथ ही सीएम सचिवालय के एक अफसर को हटाये जाने की चर्चा है। बताते हैं कि ये अफसर मंत्रियों के भी फोन उठाने से परहेज करते हैं।
प्रभावशाली लोगों का प्लान
राजधानी रायपुर के नये मास्टर प्लान का एरिया इतना ज्यादा बढ़ा दिया गया है कि जानकार हैरान हैं। शहर को चौतरफा विस्तार देने की बात कही जा रही है। इसके पीछे कारणों की खोज में कई लोग जुटे हैं। ऐसे प्रमुख मार्ग और इलाकों को तव्वजो दी गयी है जहां नेताओं और बड़े कारोबारियों के जमीन ज्यादा हैं। रायपुर को मिनी बाम्बे की तरह बनाने की कोशिश की बारीकी से जांच में कई रहस्य खुल रहे हैं।
बहन के लिए कोशिशें
सरकार के एक आयोग के मुखिया अपनी बहन को रविवि का कुलसचिव बनवाना चाहते हैं। बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की और दाऊजी तक बात पहुंचाई । कुर्की आदि घटनाक्रमों से नाराज चल रहे दाऊजी ने उन्हें साफ तौर पर कह दिया कि वो किसी प्रशासनिक अफसर को वहां बिठाना चाहते हैं ताकि विवि की छवि बेहतर हो सके। उच्च शिक्षा मंत्री अपने करीबी प्रभारी कुलसचिव को ही यथावत बनाए रखने के फेर में हैं। लेकिन दाऊजी क्या चाहते हैं यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
एटीएम फुल है..
राज्यसभा प्रत्याशियों के नामों को लेकर नाराजगी के बीच पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस का चिंतन शिविर निपट गया। शिविर के समापन के बाद मंत्री-विधायक और पदाधिकारी हल्के फुल्के माहौल में सेल्फी लेते दिखे। इस दौरान सरगुजा के एक तेज-तर्रार विधायक वहां से गुजर रहे थे, तो पदाधिकारियों ने उनसे भी साथ फोटो खिंचवाने के लिए कहा, तभी विधायक यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि उन्हें जल्दी जाना है। यह सब देख रहे एक मंत्री ने चुटकी ली कि जाने दीजिए, उनकी जान को खतरा है। दिलचस्प बात यह है कि मंत्रीजी से अपनी अदावत के चलते विधायक महोदय पहले सार्वजनिक तौर पर यह बात कह चुके हैं। इस पर एक पदाधिकारी ने हास परिहास के बीच यह कह दिया कि जान को कोई खतरा नहीं है। उनका ए टी एम फुल है। इस पर जमकर ठहाका लगा।
महिला अफसर के खिलाफ मोर्चा
महिला अफसर की बदसलूकी से खफा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने महिला अफसर के ऐसे-ऐसे दस्तावेज निकाल लिए हैं जिससे यह साबित हो रहा है कि कोरोना का आपदा कैसे कुछ लोगों के अवसर बन गया था। बताते हैं कि महिला अफसर ने अपने बेटे के नाम से सरकारी कोष में पांच लाख दिए थे। लेकिन कर्मचारी बताते हैं कि यह ऊपर के लोगों को रिझाने का तरीका था। कर्मचारी दावा कर रहे हैं कि अगर जांच हो जाए, तो एक करोड़ से अधिक का गड़बड़झाला निकलेगा। एक शिकायत यह भी है कि महिला अफसर ने सरकारी खर्चों का आडिट भी अपने पति से करवाया है। सारे दस्तावेजों को लेकर कर्मचारी विभागीय मंत्री तक शिकायत कर चुके हैं। कुछ लोग जांच की मांग को लेकर पीआईएल दाखिल करने पर विचार कर रहे हैं। कुल मिलाकर मामला आने वाले दिनों में गरमाएगा।
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