प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के निविदाओं के बहिष्कार का एलान
छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैकोटर्स एसोसिएशन के मेराथन बैठक मै हुआ निर्णय
रायपुर 15 मई। छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की लगातार चल रही बैठको के दौर प्रदेश के सभी निर्माण विभागों के टेंडर प्रकिया की पूरी तरह बहिस्कार करने का एलान कर दिया!इसके साथ ही 14/5/22 से अब प्रदेश का कोई भी कॉन्ट्रैक्टर ना तो ऑनलाइन न ही मैन्युअल ट्रन्दर फॉर्म भरेगा और ना ही किसी को भरने देंगे!शनिवार को असोसिएशन के सभी जिला अध्यक्षों की बैठकों में यह निर्णय लिया गया!
बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से कांट्रेक्टर एसोसिएशन अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत है! प्रदेश अध्यक्ष वीरेश शुक्ला के नेतृत्व में लगातार बैठकों का दौर चला जिसमें करोड़ों रुपए से लेकर सभी श्रेणी के पंजीकृत हजारों ठेकेदार शामिल हुए और महंगे मटेरियल के दामों में हुई 50 से 60 प्रतिशत बढ़ोतरी के कारण निर्माण कार्य करने मैं असमर्थता जताया गया एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भर के कांट्रेक्टर एक जुट है! 10 साल पुराने निर्माण विभाग के
S. O. R. और बाजार मूल्य में निर्माण मटेरियल इतना महंगा हुआ है कि कांट्रेक्टर बाजार और बैंकों से कर्ज लेकर पूरी तरह से कर्ज में डूबते जा रहे हैं! ऐसी स्थिति में निर्माण कार्यों को ना तो पूरा कराने की स्थिति में है और ना ही अब किसी तरह के टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे! निर्माण विभागों में अनुबंध के बाद मटेरियल के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से ऐसा निर्णय लेने को मजबूर हो गए हैं! एसोसिएशन के इस फैसले का बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अपना पूरा समर्थन छत्तीसगढ़ के कांट्रेक्टर को देने की घोषणा की! बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष K. C राव ने जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के समस्त निर्माण विभागों के शेड्यूल ऑफ रेट (SOR) और बाजार मूल्य मैं 50 से 60% का अंतर आया है! इसलिए छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने जो फैसला लिया है वाह ठेकेदारों को कर्ज में डूबने से बचाने वाला हितकारी निर्णय हैं! छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला और बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष K. C राव ने जारी संयुक्त बयान ने बताया कि समस्त निर्माण प्रमुखों को S. O. R. दर और बाजार मूल्य के अंतर की राशि की सुकृति सहित 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंप कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है! साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी से मुलाकात करने का भी समय मांगा है ताकि निर्माण कार्यों को लेकर जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसका समाधान हो सके! क्योंकि महंगे निर्माण मटेरियल के कारण प्रदेश में निर्माण कार्यों की गति पूरी तरह से रुक गई है! इसके साथ ही अब टेंडर लेने की स्थिति में ठेकेदार नहीं है! इसलिए शासन से सहानुभूति पूर्वक विकट समस्या का समाधान करने का आग्रह किया गया है!