कोल डस्ट का प्रकोप, समस्या का निदान नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
कोरबा 30 अप्रैल। एसईसीएल की गेवरा व दीपका कालोनी में शुद्ध पेयजल की किल्लत बनी हुई है, वहीं कालोनी में निवासरत लोगों को धूल-कोल डस्ट झेलना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी समस्या का निदान नहीं होने पर पांचो श्रमिक ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड ;एसईसीएलद्ध की मेगा परियोजना गेवरा व दीपका में कार्यरत कर्मियों के लिए विभागीय स्तर पर आवासीय कालोनी बनाई गई है। खदान क्षेत्र के पास होने की वजह से कालोनी में निवासरत लोगों को धूल व कोल डस्ट का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। गर्मी में यह समस्या बढ़ जाती है। इससे कालोनीवासियो में असंतोष व्याप्त है। महिलाओं ने कई बार आंदोलन भी किया और प्रबंधन ने केवल आश्वासन का झुनझुना थमा कर अपने कर्तव्य को इतिश्री कर लिया। कालोनी में प्रदूषण की समस्या जस की तस बनी हुई है। अब इस मुद्दे को लेकर पांचो श्रमिक संघ एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस व इंटक द्वारा संयुक्त रूप से आंदोलन की चेतावनी गेवरा व दीपका प्रबंधन को दी है। दोनों क्षेत्र के महाप्रबंधक के लिखे पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में आवासीय परिसर में रोजाना कोयले की डस्ट 24 घंटे गिरते रहती है। इससे कर्मचारी के साथ ही छोटे-छोटे बच्चों को सांस की तकलीफ होने लगी है। प्रदूषण कालोनी के निवासरत लोगों के लिए जानलेवा बन गया है। शिकायत के बाद भी प्रदूषण रोकने में प्रबंधन असफल रहा है। यही स्थिति पेयजल की बनी हुई है। कालोनी परिसर में आए दिन पानी की सप्लाई ठप रहती है। इससे कालोनी में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। मेगा प्रोजेक्ट कहलाने के बाद भी कालोनी में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो सकी है। संयुक्त श्रमिक संघ ने कहा कि दोनों समस्या का निदान नहीं किया जाता है तो कर्मचारियों के साथ धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल के साथ ही खदान बंद किया जाएगा।