अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए श्रमिक संघ
कोरबा 28 मार्च। केंद्रीय श्रम संगठन के संयुक्त तत्वावधान में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। सुबह से श्रमिक संघ प्रतिनिधियों द्वारा बाल्को व साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की खदानों में खड़े होकर ड्यूटी जाने वाले कर्मियों को समझाइश कर रोका। इससे अधिकांश कामगार ड्यूटी पर नहीं गए। भारतीय मजदूर संघ व नेशनल फ्रंट इंडियन ट्रेड यूनियन एनएफआइटीयू हड़ताल में शामिल नहीं हैं। इस संगठन से जुड़े कामगार कार्यस्थल पर पहुंच रहे। इन्हें भी समझाइश देने का प्रयास किया गया, पर कर्मियों ने आंदोलनकारियों की बात अनसुनी कर दी।
केंद्र सरकार की आर्थिक, जन व श्रम कानून में बदलाव के विरोध दस श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने दो दिवसीय हड़ताल का आव्हान किया केंद्रीय मांग समेत स्थानीय स्तर के कुछ मुद्दों को अपने मांग पत्र में शामिल कर एचएमएस, एटक, एसईकेएमसी इंटक सीटू व इंटक रेड्डी गुट के प्रतिनिधि सोमवार से हड़ताल पर चले गए। एसईसीएल व बाल्को में सुबह से ही कार्य शुरू हो जाता है, ऐसी स्थिति श्रमिक संघ प्रतिनिधि सुबह पांच बजे से ही खदान व बाल्को संयंत्र के सामने पहुंच गए थे और मजदूरों को काम नहीं जाने का आह्वान करते रहे। इसकी वजह से अधिकांश कामगार प्रथम पाली में ड्यूटी पर नहीं जा सके। उधर प्रबंधन ने रात्रि पाली में ड्यूटी पर गए कर्मियों को पहले से रोक लिया, ताकि कामकाज पर असर न पड़े। आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है। .
प्रबंधन ने भी आवश्यक सेवाओ के लिए कर्मियों की डूयूटी लगाई है। इसके साथ ही प्रबंधन ने आउटसोर्सिंग में लगी कंपनियों के कर्मियों से काम ले रही हैए ताकि उत्पादन प्रभावित न हो सके। हड़ताल को राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए भारतीय मजदूर संघ व नेशनल फ्रंट इंडियन ट्रेड यूनियन एनएफआइटीयू पहले से किनारा कर लिया है। उधर हड़ताल के दौरान किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो, इसलिए पुलिस की अलग पेट्रोलिंग टीम भी खदान क्षेत्रों के साथ ही अन्य स्थल पर नजर रख रही है। थाना. चौकी प्रभारी भी अपने क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं। हड़ताल में शामिल यूनियन से भी जबरदस्ती किसी कर्मचारी को नहीं रोकने कहा गया है, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।
हड़ताल के प्रमुख मुद्दे
चार नए श्रम संहिताओं को समाप्त करने। संयुक्त किसान मोर्चा के कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद छह सूत्रीय चार्टर मांग को स्वीकार करने। सार्वजनिक उपक्रम व खदानों का किसी भी रूप में निजीकरण नहीं करने। गैर.आयकर भुगतान करने वाले परिवारों को प्रति माह 7500 रुपये की खाद्य और आय सहायता। मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार सभी अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा ृआंगनवाड़ी, आशाए मध्यान्ह भोजन और अन्य योजना कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा महामारी के बीच लोगों की सेवा करने वाले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के लिए उचित सुरक्षा और बीमा सुविधाएं। पेट्रोलियम उत्पाद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए ठोस उपचारात्मक उपाय। ठेका श्रमिकों, योजना कर्मियों को नियमित करना और सभी के लिए समान काम के लिए समान वेतन एनपीएस को रद्द करना और पुरानी पेंशन की बहाली। कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि।