जिला अस्पताल में पार्किग व्यवस्था चरमराई
कोरबा 7 मार्च। जिला अस्पताल में वाहन पार्किंग की व्यवस्था दुरूस्त नहीं है। वाहनों कोनिर्धारित स्थल के बजाए ओपीडी गेट के सामने ही खड़ा किया जा रहा। एंबुलेंस लाए गए आपातकालीन से मरीजों को उतारने में परिजन और चिकित्सा कर्मियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अव्यवस्थित पार्किंग आपात कालीन मरीजों के जान से खिलवाड़ साबित हो रही है। जिला अस्पताल में वाहन पार्किंग नियम की धज्जियां उड़ रही है। अस्पताल प्रबंधन की ओर पार्किंग कोव्यस्थित करने के निजी संस्था को ठेके में दिया गयाा। अस्पताल परिसर में दो पहिया और चार पाहियावाहनों के लिए अलग.अलग पार्किंग स्थल बनाया गया है। अब तक वाहन लेकर आने वालों से पर्चीपार्किंग स्थल में ही काटी जाती थी। अब गेट में पर्ची काटा जा रहा। ऐसे में लोग पार्किंग स्थल के बजाएकहीं भी वाहन खड़ा कर रहे है। सबसे बड़ी दिक्कत ओपीडी गेट में खड़ी की जाने वाली वाहनो से हो रही।नियम को ताक में रखकर वाहन पार्किंग करने वालों में केवल बाहर के लोग ही नहीं बल्कि चिकित्सा स्टाफके कर्मचारी भी है। एंबुलेंस को गेट के निकट खड़ी करने के बजाए दूर में ही रोक दिया जाता है। प्रसव पीड़ाअथवा अन्य आपातकालीन मरीज को अस्पताल के भीतर ले जाने में बेतरतीब वाहनें आड़े आते हैं।
बताना होगा कि जिला अस्पताल में जिस तादाद में मरीज दाखिल उससे अधिक यहां परिजनों की संख्या रहती है। अस्पताल के भीतर अनुशासित तरीके से प्रवेश के लिए पूर्ण में नियम बनाया गया था जिसके तहत मरीजों के पहचान के आधार पर ही प्रवेश दिया जाता था। यह नियम साल भर से अधिक समय से समाप्त हो गयाहै। अस्पताल को जिला मेडिकल कालेज को हस्तांतरित किया जा चुका हैए लेकिन वार्ड मरीजों के इलाजके लिए अब भी स्वास्थ्य अमले द्वारा की जा रही है। स्वाथ्य विभाग और मेडिकल कालेज में आपसीसामंजस्य की कमी से अस्पताल परिसर में अनुशासन की कमी देखी जा रही है।