जिला अस्पताल परिसर में शुरू होगा 100 बिस्तर का कोविड अस्पताल

कोरबा 10 जनवरी। जिला अस्पताल से लगे हुए जिस अस्पताल में बालाजी अस्पताल संचालित था वहां अब 100 बिस्तर का कोविड.90 अस्पताल शुरू किया जाएगा। स्याही मुड़ी में चल रहे सिपेट के 400 में से 100 बेड यहां स्थानांतरित किया जाएगाए सभी आक्सीजन सुविधा युक्त होगा। मेडिक कालेज के चिकित्सक यहां अपनी सेवाएं देगे। यह बताना होगा कि पहले पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशीप के आधार पर सर्वसुविधा युक्त बालाजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। इस भवन में बिस्तर को छोड़ सभी संसाधन उपलब्ध है। इस माह के अंदर यहां अस्पताल शुरू हो जाएगा।

दूसरी लहर से भले ही कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण की गति तेज हो पर राहत की बात यह है कि आक्रमकता कम है। अब तक मिले संक्रमितों में 15 मरीजों को ही ईएसआइसी अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई है। यह भी सुखद है कि आक्सीजन की कमी वाले मरीजों संख्या नगण्य है। इसके बावजूद प्रशासन कोविड संक्रमण के हर स्थिति से निपटने पूरी तरह तैयार है। ईएसआइसी के हास्पिटल के पहले 35 बेड में आक्सीजन सुविधा जो बढ़कर सभी 145 बेड में हो गए हैं। तीन जनवरी को 41 संक्रमित के साथ तीसरी लहर की कहर शुरू हुई है। इसके पहले तक इक्के दुक्के ही पाजिटिव केस मिल रहे थे। हर दिन संक्रमितों की संख्या दोगुने से भी अधिक रफ्तार से बढ़ रही है। संक्रमित मरीजों में ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं। वैक्सीनेशन की वजह से संक्रमण का असर अधिक नहीं दिखाई दे रहा। यही वजह है कि प्रशासन का ध्यान संक्रमण को नियंत्रित करने के साथ वैक्सीनेशन पर भी केंद्रित है। पिछले दो लहर के दौरान प्रशासन ने कई सबक लिए है। शायद इसका ही नतीजा है कि आज आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। जिला अस्पताल परिसर में आक्सीजन उत्पादन के दो प्लांट संचालित है। मेडिकल कालेज के डीन वायडी बड़गैया के अनुसार प्रतिदिन 1200 लीटर आक्सीजन उत्पादन हो रहा है। अभी प्रतिदिन 50 से 60 लीटर की खपत है।

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा को भी प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए संक्रमित प्रसूताओं के लिए पृथक से इएसआईसी अस्पताल में व्यवस्था की जा रही। यहां 10 बेड का प्रसूति गृह का संचालन होगा। जिला अस्पताल के तीन में से एक आपरेशन थियेटर को शिफ्ट किया जाएगा। मेडिकल कालेज के डीन ने बताया कि अस्पताल में चार प्रसूति डाक्टर और आठ नर्स की नियुक्ति की जाएगी। प्रसूति सेवाएं आगामी सप्ताह तक शुरू हो जाएगी। संक्रमित प्रसूतियों के लिए पृथक व्यवस्था होने से सामान्य गर्भवती महिलाओं को कोरोना का खतरा नहीं होगा।

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