लोन दिलाने के नाम पर सीएसईबी कर्मी से 97.25 लाख की ठगी
पुलिस ने दिल्ली से किया दो आरोपियो को गिरफ्तार
कोरबा 31 दिसंबर। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के बैंक में आनलाइन आवेदन करने वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी सीएसईबी कर्मी को दिल्ली से बैठ कर ठगी करने वाले गिरोह की चपेट में आ गया। ठगों ने लोन स्वीकृत कराने के नाम पर लोन की प्रक्रिया के लिए पहले 80 हजार शुल्क जमा कराया। युवक ने 15 लाख लोन के लिए आवेदन किया था, पर ठग उसे बढ़ा कर 30 लाख देने का झांसा दिए। युवक राशि जमा करता गया और उसे वापस एक साथ पाने की आस में 97.29 लाख रुपये तक ठगों के खाते में राशि जमा करा दिया। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली से दो आरोपितों को गिरफ्तार कर कोरबा ले आई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम आवासीय परिसर में निवासरत सीएसईबी कर्मी महेंद्र कुमार साहू ने 12 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री मुद्रा लोन प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन जमा किया था। इसकी जानकारी ठगो को लग गई और खुद को प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का फर्जी अधिकारी बताते हुए किसी जयकिशन के नाम से उसे फोन किया गया और बैंक आफ बड़ौदा से 15 लाख रुपये लोन स्वीकृत हो जाने की जानकारी दी। साथ ही लोन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 80 हजार शुल्क जमा करने कहा। इसके बाद लोन की स्वीकृत राशि उसके खाता में जमा करने एवज में 70 हजार फिर जमा करने कहा। इसके बाद अनिल दत्त नाम एक अन्य व्यक्ति बैंक अधिकारी बन कर अन्य नंबर फोन कर पांच फीसद जीएसटी व एनओसी के लिए 29 हजार 432 रुपये जमा करा लिया। अब महेंद्र को शंका होने लगा और वह लोन निरस्त करा देने का आग्रह करते अब तक जमा किए गए रूपये वापस मांगने लगा। तब ठगो ने नया जाल फेंका और तीसरा फर्जी अधिकारी सुनील दत्त के नाम से फोन कर संपर्क किया। उसने इस बार 15 से लोन की लिमिट बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर स्वीकृत कर लिए जानकारी दी। इस चक्कर में एक बार फिर महेंद्र उनके चंगुल में फंसने लगा और पहले जमा करा चुके रुपयों को वापस पाने की लालच में एक साल के अंदर 97.29 लाख रुपये जमा कर दिए। इसके लिए उसने अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी। उसे यह आश्वासन दिया गया था कि जमा कराई गई राशि के साथ 30 लाख रुपये लोन की राशि भी उसके खाते में जमा की जाएगी, पर काफी इंतजार के बाद भी उसके खाते में एक रुपया भी जमा नहीं किया गया। तब जाकर इसकी शिकायत महेंद्र ने दर्री थाना में दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के दौरान साइबर सेल की मदद ली तो पता चला कि जिन नंबरों से काल आया था और जिन खातों में राशि जमा कराई गईए वह दिल्ली का है। साथ ही पुलिस यह भी पता लगा ली कि ठगी के इस गिरोह में नितिन कुमार 29 वर्ष निवासी विजय विहार फेस वन थाना विजय विहार पश्चिमी दिल्ली व विजय कुमार 26 वर्ष निवासी ग्राम निपनिया थाना इशवापुर जिला छपरा बिहार वर्तमान पता सेक्टर 58 नोएडा जिला गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश शामिल है। पुलिस ने दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर धारा 420, 34 के तहत कार्रवाई की है। इनके पास से 1.30 लाख नगद, सोने-चांदी के जेवरात, फ्लैट के दस्तावेज, एक लैपटाप, वाइफाइ राउटर व अलग-अलग कंपनियों की सिम. बैंक खाते, एटीएम कार्ड व मोबाइल जब्त किया गया है।
सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक कृष्णा साहू ने बताया कि साइबर सेल ने आरोपितों द्वारा उपयोग किए गए बैंक खातों व मोबाइल नंबर की जानकारी तकनीकी विश्लेषण के आधार निकाली। आरोपितों के दिल्ली में छिपे होने की पुख्ता जानकारी होने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए निरीक्षक अनिल पटेल की अगुवाई में टीम दिल्ली भेजा गया था। अभी मुख्य सरगना सुनील कुमार पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। इस गिरोह का सरगना सुनील कुमार के होने की जानकारी पकड़े गए आरोपितों ने दी है। पुलिस को आरोपितों ने बताया है कि काल सेंटर संचालित कर सुनील बेरोजगार युवकों को नौकरी में रखकर फर्जी काल कराता है और लोगों को लोन के नाम पर फंसाता है। पकड़े गए आरोपितों को ठगी की राशि का 10 फीसदी हिस्सा मिलता था। पकड़ा गया विजय कुमार अशिक्षित व जरूरतमंद लोगों को कुछ रकम देकर उनके नाम का जारी कराता और उनके बैंक खाते का उपयोग करते थे। ठगी की राशि से आरोपित नितिन कुमार ने दिल्ली में एक फ्लैट व सोने चांदी के जेवरात भी खरीद लिया था।