नए साल से सभी आटो चालक खाकी गणवेश में आएंगे नजर

कोरबा 16 दिसंबर। यातायात पुलिस और आटो रिक्शा चालक संघ के संयुक्त निर्णय के अनुसार नए साल से सभी आटो चालक खाकी गणवेश में नजर आएंगे। प्रत्येक आटो में रेडियम कलर में मोर आटो मोर कोरबा के साथ नंबर लिखवाना होगा। यूनिक कोड आटो नंबर से छूटे हुए सामान को पाने में यात्रियों को सुविधा होगी।

जिले में दो हजार से भी अधिक आटो चालक अपने परिवार का भरण पोषण आटो रिक्शा चलाकर करते है। शहरी व उपनगरीय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के चालकों की यूनिकोड संयुक्त पहचान नहीं है। केवल शहरी क्षेत्र के सीमिति आटो चालकों ने अपने आटो में यूनिक कोड लिखा रखा है। बिना पहचान नंबर के भी आटो चल रहे हैं। जिले में आटो संघ का गठन तो हो चुका है लेकिन इससे अभी भी कई चालक नहीं जुड़े हैं। इससे संघ के नियम का उल्लंघन करते हुए मनामाना राशि यात्रियों से वसूली की जाती है। आए दिन इसकी शिकायत आटो संघ और पुलिस के पास आती है। इस समस्या का निराकरण करने के यातायात पुलिस और आटो संघ संयुक्त तत्वावधान में गणवेश और यूनिक कोड को अनिवार्य किया है। इस संबंध में आटो चालक संघ के अध्यक्ष गिरिजेश सिंह ठाकुर का कहना है कि गणवेश नियम लागू होने से आटो चालकों की पहचान निर्धारित होगी। यूनिक कोड से लोगो में आटो चालकों के प्रति आम यात्रियों में जो भ्रांतियां है, वह दूर होगी। गणवेश की अनिवार्यता जन सुविधा की दृष्टि से बेहतर है। पुलिस अधीकक्षक की ओर से कुछ गणवेश प्रदान किया है। अध्यक्ष का कहना है कि कोविड काल के चलते आटो चालकों की आर्थिक संकट अभी भी बरकरार है। चालकों को दो गणवेश की जरूरत होगी। जिसमें एक गणवेश प्रशासन की ओर से मिल जाती तो बेहतर होता। अध्यक्ष का यह भी कहना है कि आटो में रेडियम मोनो लगवाने के लिए 100 रूपये खर्च आएगा। प्रशासन की ओर प्रत्येक आटों के लिए कम से कम 50 रूपये अनुदान दिया जाना चाहिए। अनुदान की सुविधा होने अधिक से अधिक आटो चालक यूनिक मोनो लगवाने के लिए आगे आएंगे।

अव्वल तो बिना यूनिक कोड और पहचान के आटो को शहर में चलने नहीं दिया जाएगा। आटो में रेडियम युक्त नंबर की जानकारी किसी भी थाना या चौकी में दिए जाने पर संघ के कार्यालय से चाकल की जानकारी, मोबाइल नंबर मिल जाएगा। इससे किसी भी यात्री की यदि सामान गुम होती है तो उसे आसानी से मिलेगी। मोनो में आटो नंबर के अलावा पुलिस सहायता केंद्र का भी नंबर होगा। असुविधा होने पर उक्त नंबर पर डायल कर सहायता ले सकेंगे।

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