जिला व जनपद पंचायत के बीच विवाद की स्थिति
कोरबा 6 दिसंबर। त्रिस्तरीय पंचायती राज में अब तक ग्राम पंचायतों में ही सरपंच और पंचों के बीच विवाद को लेकर शिकायतें सामने आती थी, लेकिन कुछ दिनों से जिला और जनपद पंचायत में भी घमासान होने लगा है। जिला पंचायत से 14वें वित्त और जिपं विकास निधि के ब्याज की राशि से मंजूर काम पर रोक लगाने के बाद विवाद बढ़ गया है।
जिपं सदस्य कमला राठिया ने तो अफसरों को ही कटघरे में लाने वित्तीय अनियमितता की शिकायत की है। दूसरी ओर प्रभार को लेकर सवाल उठाए हैं, लेकिन इसके पीछे भी बिना सामान्य प्रशासन के अनुमोदन के काम मंजूरी पर रोक लगाने को लेकर है। काम पर रोक लगने से 2 सदस्यों पर प्रभाव पड़ा है। दोनों की अनुशंसा पर अधिकांश काम मंजूर हुए थे। अब रोक लगने से शिकवा-शिकायत कर रहे हैं। जिपं में जो वित्तीय अनियमितता की शिकायत हो रही है। उसके पीछे भी पंचायत के एक दो अफसरों का नाम सामने आ रहा है, जो गड़बड़ी छिपाने शिकवा-शिकायत करा रहे हैं। वित्तीय अनियमितता की जो शिकायत हुई है, उसमें सिर्फ कर्मियों का वेतन आहरण किया है। निर्माण कार्यों की राशि नहीं निकाली गई है। उधर कटघोरा जनपद सीईओ एचएन खुटेल के अवकाश में जाने के बाद पाली जनपद सीईओ वीके राठौर को प्रभार दिया है। इसके बाद जनपद सदस्यों और सचिवों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
जिपं सदस्यों के बीच सामंजस्य कम है। इससे महिला व बाल विकास विभाग की स्थाई समिति भंग कर दी गई। सभापति प्रीति कंवर को हटना पड़ा। 2 सदस्य संदीप और नीलिमा ने इस्तीफा दे दिया था। अब एक और समिति पर भी सबकी निगाहें हैं। जनपदों में लंबे समय से जमे सीईओ के खिलाफ भी सदस्यों में नाराजगी है। कटघोरा के बाद एक.दो जनपदों में आंदोलन की तैयारी है। 3 जनपदों में सीईओ नए हैं लेकिन पहले भी वह काम कर चुके हैं। इसी वजह से वे सामंजस्य बनाकर काम कर रहे हैं।