हाथियों ने उत्पात मचाते फसलों को किया नुकसान, ग्रामीणों ने फारेस्ट अमले को फिर घेरा


कोरबा 20 सितंबर। जिले के वनमंडल कटघोरा के पसान रेंज में हाथियों का उत्पात थमने के बजाय और बढ़ता जा रहा है। बीती रात क्षेत्र में मौजूद हाथियों के दल ने अमझर गांव के बुंदेलीपारा-लमनीडांड में भारी उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के बाड़ी व खेतों में लगे फसल को रौंद दिया तथा 10 लोगों के मकान को निशाना बनाते हुए बुरी तरह तोड़ दिया। हाथियों के लगातार उत्पात जारी रहने तथा उस पर नियंत्रण ना होता देख ग्रामीण भी अब अपना धैर्य खो रहे हैं। हाथियों के उत्पात से आक्रोशित ग्रामीणों ने एक बार फिर वन अमले को घेरकर काफी खरी-खोटी सुनाई तथा बंधक बनाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के तेवर देख वन अमले ने इसकी सूचना डीएफओ, एसडीओपी सहित अन्य अधिकारियों को दी जिस पर पुलिस के 112 वाहन को मौके पर भेजा गया। वन विभाग के अधिकारियों तथा पुलिस जवानों के द्वारा समझाए जाने पर ग्रामीण शांत हुए।

जानकारी के अनुसार 35 हाथियों का दल पसान रेंज के अमझर व आसपास के गांवों में काफी दिनों से विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों को भगाने का प्रयास वन अमले द्वारा मौके पर उपस्थित रहकर किया जा रहा है लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। हाथी दिन भर जंगल में विश्राम करने के बाद रात में ग्रामीणों के खेतों व बस्ती में पहुंचकर फसल तथा घरों को नुकसान पहंचा रहे हैं। हाथियों के लगातार उत्पात से ग्रामीण काफी परेशान हैं। बीती रात हाथियों का दल फिर अमझर गांव के पास बुंदेलीपारा पहुंच गया और यहां पहुंचते ही हाथियों ने उत्पात मचाते हुए 10 ग्रामीणों के मकान तोड़ दिए। इतना ही नहीं उनकी बाड़ी व खेतों में लगे फसलों को भी तहस.नहस कर डाला। हाथियों के अमझर में पहुंचने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना पर रेंजर धर्मेन्द्र चौहान के नेतृत्व में रात 8 बजे वन विभाग का अमला गांव पहुंचा। यहां पहुंचते ही ग्रामीणों ने उनके वाहन तथा अमले को घेर लिया। ग्रामीण वन विभाग पर हाथियों की सही निगरानी तथा नियंत्रण में असफलता का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को काफी खरी.खोटी सुनाई। वन अमले द्वारा समझाए जाने पर भी ग्रामीण नहीं माने और काफी देर तक घेरे रखे। उनके साथ मारपीट करने व वाहन जलाने की भी धमकी दी जाती रही। ग्रामीणों के तेवर देखकर रेंजर ने इसकी जानकारी डीएफओ शमा फारूखी को दी तथा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया। जिस पर अधिकारियों ने 112 वाहन व जवानों को मौके पर रवाना किया। पुलिस के जवानों व वन विभाग के अधिकारियों ने मिलकर ग्रामीणों को शांत कराया। ग्रामीणों का कहना था कि वन विभाग हाथियों को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल हो गया है। विभाग की नाकामी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। अब अपनी सुरक्षा के लिए वे हाथियों को स्वयं भगाना चाहते हैंए अतरू वन विभाग उन्हें मशाल व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए। वहीं वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण रात में हाथियों को भगाने के लिए खुद ही मशाल लेकर निकल जा रहे हैं और रात भर इसका पीछा कर रहे हैं। जिससे हाथियों को चारा चरने का मौका नहीं मिल पा रहा है। हाथियों के भूखा होने व ग्रामीणों द्वारा छेड़े जाने से वे आक्रामक हो गए हैं। इसलिए बार.बार रिहायशी क्षेत्र में पहुंचकर उत्पात मचा रहे हैं। इस दौरान घरों को भी निशाना लिया जा रहा है। फसलों को भी मटियामेट कर रहे हैं। आज सुबह वन विभाग का अमला फिर गांव पहुंचा और रात में हाथियों द्वारा किये गए नुकसानी का आंकलन कर इसकी रिपोर्ट तैयार की।

पसान रेंज में हाथियों की पर्याप्त निगरानी व उस पर नियंत्रण ना हो पाने की मुख्य वजह विभाग के पास संसाधन की कमी व पर्याप्त स्टाफ का अभाव भी है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पसान रेंज अंतर्गत 16 बीट है लेकिन इसकी देखरेख के लिए रेंज में केवल 9 कर्मचारी उपलब्ध कराए गए हैं। हाथियों को भगाने के लिए संसाधन भी कम दिए गए हैं जिससे कामकाज में परेशानी हो रही है।

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