कही-सुनी @ रवि भोई
कही-सुनी (19 SEPT-21)
रवि भोई
छत्तीसगढ़ में उलटफेर की हवा तेज
कांग्रेस कद्दावर और ताकतवर नेता कहे जाने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बदले जाने की हवा तेज हो गई है। पंजाब के घटनाक्रम से लोगों को हाईकमान की ताकत का अहसास होने लगा है। लोग कयास लगा रहे हैं कि अगले एक-दो दिन में छत्तीसगढ़ में भी कुछ न कुछ होगा ? कहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान के एक बड़े नेता की शनिवार की सुबह राज्य के एक बड़े नेता से चर्चा के बाद नेतृत्व परिवर्तन की कयास बाजी तेज हो गई। वैसे भी राज्य में पिछले करीब डेढ़ महीने से राजनीतिक घटनाक्रम बदलता रहा है। दिल्ली में शक्ति परीक्षण के साथ विधायकों से हस्ताक्षर अभियान भी चला, जिससे माना जाने लगा था कि कांग्रेस हाईकमान दबाव में आ गया, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे से छत्तीसगढ़ में भी हवा का रुख बदलने लगा है। खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को सभी 28 जिलों में लोक निर्माण विभाग के कार्यों का ऑनलाइन शिलान्यास और भूमिपूजन करेंगे। कई जिलों में सौ करोड़ से अधिक के कार्य हैं। लोग कह रहे हैं छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। लोगों का कहना है कि आगे न चुनाव है और न ही कोई इमरजेंसी, फिर 28 जिलों में उद्घाटन की हड़बड़ी क्यों ? लोग इसे नेतृत्व परिवर्तन की हवा से जोड़कर देख रहे हैं।
क्या गुरु पर लगाम की कवायद ?
वैसे तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लोक निर्माण और जल संसाधन के मुकाबले छोटा विभाग माना जाता है। लेकिन यह विभाग कांग्रेस राज में कुछ ज्यादा ही चर्चा में आ गया है। कभी जल-जीवन मिशन के कामकाज को लेकर, तो कभी टेंडर की प्रक्रिया को लेकर सुर्खियों में रहने वाला विभाग अब अफसरों की पोस्टिंग को लेकर लोगों की जुबान पर आ गया है। इस विभाग को नियंत्रित करने का जिम्मा अपर मुख्य सचिव को सौंपने के साथ विभाग में एक सचिव की पोस्टिंग को मंत्री रुद्रकुमार गुरु पर लगाम कसने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। पीएचई विभाग के जल-जीवन मिशन संचालक के पद पर पहले से ही सचिव स्तर के अधिकारी पदस्थ हैं। कहते हैं रुद्रकुमार गुरु पिछले दिनों बड़े मान-मनोव्वल के बाद मुख्यमंत्री के पक्ष में शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली गए थे।
पुनिया की जगह वासनिक की चर्चा
कांग्रेस महासचिव पीएल पुनिया की जगह मुकुल वासनिक को छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव बनाए जाने की चर्चा है। मुकुल वासनिक अभी मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हैं। कहते हैं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के मसले पर कांग्रेस हाईकमान की एक बैठक में पीएल पुनिया की अनुपस्थिति की खबर से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी बदले जाने की चर्चा चल पड़ी है। कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का एक धड़ा पीएल पुनिया के कामकाज के तरीके से खुश नहीं है।
भाजपा में बृजमोहन गुट का बढ़ा कद
कहते हैं छत्तीसगढ़ भाजपा में पूर्व मंत्री और रायपुर शहर के विधायक बृजमोहन अग्रवाल की पूछपरख बढ़ गई है। इसके चलते पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी सक्रियता भी दिखाई देने लगी है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रभारी महासचिव डी पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ भाजपा में बृजमोहन खेमे को तवज्जो देने लगे हैं। कहते हैं बस्तर में आयोजित तीन दिनी चिंतन शिविर में पार्टी के नेताओं को न्योता देने में यह बदलाव साफ़ नजर आया।
कृषि में पंजाबी लॉबी ?
कहते हैं कांग्रेस राज में कृषि विभाग में पंजाबी लॉबी कुछ ज्यादा ही सक्रिय है। खाना-खजाना वाले खाद-बीज सप्लाई में रम गए हैं और पहली बार में धंधे में छा गए हैं। चर्चा है कि आजकल उन्हीं की तूती बोल रही है। अब कृषि विभाग में एपीसी बनकर डॉ. कमलप्रीत सिंह आ गए हैं। 2002 बैच के आईएएस डॉ. कमलप्रीत सिंह अभी सचिव स्तर के अधिकारी हैं। आमतौर पर एपीसी ( कृषि उत्पादन आयुक्त ) अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को बनाया जाता रहा है। वैसे भूपेश बघेल के राज में पौने तीन साल के भीतर डॉ. कमलप्रीत सिंह पांचवें नंबर के कृषि उत्पादन आयुक्त हैं। सुनील कुजूर, केडीपी राव, डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी व एम. गीता के बाद सरकार ने कमलप्रीत सिंह को कृषि उत्पादन आयुक्त बनाया है।
रेंज के मुखिया एडीजी भी और डीआईजी भी
छत्तीसगढ़ में पांच पुलिस महानिरीक्षक दफ्तर हैं। यहाँ मुखिया की पोस्टिंग में मापदंड नजर नहीं आ रहा है। कायदे से पुलिस महानिरीक्षक दफ्तर में आईजी की पोस्टिंग होनी चाहिए , लेकिन भूपेश सरकार ने दुर्ग रेंज में एडीजी को आईजी दफ्तर का प्रभारी बना दिया है तो बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर रेंज में डीआईजी तैनात हैं। यह अलग बात है कि बिलासपुर आईजी रेंज के प्रभारी रतनलाल डांगी और बस्तर रेंज के प्रभारी पी सुंदरराज करीब नौ महीने से आईजी पद पर पदोन्नति के इंतजार में हैं। रायपुर रेंज में पदस्थ डॉ. आनंद छाबड़ा रेगुलर आईजी हैं।
बेबीनार से रिकार्ड की कवायद
छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग 28 सितंबर को एक नया प्रयोग करने जा रहा है। इसके तहत वह सुबह सात से शाम सात बजे तक बिना ब्रेक के बेबीनार का आयोजन होगा। अब तक ऐसा प्रयोग नहीं हुआ है। नए प्रयोग के साथ आयोग अपने नाम यह रिकार्ड दर्ज कराना चाहता है। इस बेबीनार में देश-प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ देश के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके भी हिस्सा लेंगी।
(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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