एसईसीएल ने अनुकंपा नियुक्ति का मामला लटकाया
कोरबा 11 सितंबर। साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड के द्वारा जान बूझकर अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित सभी फाइलों को लटका दिया गया है। ऐसे मामलों में सभी तरह की औपचारिकता पूरी करने के साथ सत्यापन का काम भी किया जा चुका है। नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये जाने से अनुकंपा नियुक्ति के पात्र लोग परेशान हैं।
कोरबा जिले में एसईसीएल के कोरबाए कुसमुंडाए दीपका और गेवरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कोयला परियोजनाओं में बीते समय में कोविड और अन्य कारणों से ड्यूटी के दौरान मृत कर्मचारियों के एक आश्रित को अनुकुंपा नियुक्ति दी जानी है। कंपनी के अन्य सभी क्षेत्रों में भी इस पर काम होना है। ऐसे हितग्राहियों की संख्या कंपनी स्तर पर सैकड़ों में है। कोरबा जिले में यह संख्या 100 से अधिक बताई गई है। खबर के अनुसार कर्मचारी की मौत के बाद नियमानुसार उनके परिजनों के द्वारा इस सिलसिले में अग्रगामी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया। एसईसीएल के अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने के साथ नामांकन की कार्यवाही की गई। उन सभी दस्तावेजों को कार्मिक विभाग को सौंपा गया, जो ऐसे मामलों में अहम् थे। अलग-अलग स्तर पर इन दस्तावेजों की छानबीन की गई। वहां से क्लीयरेंस होने के साथ प्रकरणों को अगली कड़ी में मुख्यालय भेजा गया। बताया गया कि अनुकंपा नियुक्ति के ऐसे मामलों में एरिया स्तर से होने वाले कार्यवाही को संतोषजनक माना गया है और यह कह दिया गया है कि संबंधित सभी फाइलें त्रुटिरहित और पूर्ण हैं। इस स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति के आदेश नामांकित व्यक्ति के पक्ष में जारी कर दिए जाने चाहिए। सुविज्ञ सूत्रों ने बताया कि एसईसीएल कंपनी में कार्मिक निदेशक के पद पर कुछ समय पहले हुए परिवर्तन के बाद गैर जरूरी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ी फाइलों को अनावश्यक रोक दिया गया है अथवा पेंडिंग रखने की मानसिकता बनाई गई है। इसके पीछे कारण क्या है यह स्पष्ट नहीं हो सका है और ना ही पात्र लोगों को इस बारे में जानकारी दी जा रही है। आवेदकों के द्वारा इस संबंध में परियोजना और क्षेत्रीय कार्यालय के कार्मिक विभाग से पूछने पर यही बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना काम कर दिया है आगे की जिम्मेदारी मुख्यालय की है। आवेदक इस बात से परेशान हैं कि आखिर उन्हें पात्रता के बावजूद नौकरी देने में क्या समस्या हो रही है।
नियुक्ति देने में विलंब करने से आवेदकों के आर्थिक हितों पर प्रत्यक्ष रूप से असर पड़ रहा है। कारण बताया जा रहा है कि वर्तमान में प्रबंधन के द्वारा केवल भत्ते की सुविधा दी जा रही है। जबकि नियुक्ति होने पर वे बड़ी राशि के हकदार हो सकेंगे। दूसरी ओर समस्या यह भी है कि कुछ मामलों में आवेदकों की आयु सीमा पार हो रही है। उन्हें डर है कि कहीं इसी की आड़ लेकर कोयला कंपनी उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़े ना कर दे।