जाति-निवास प्रमाण पत्र हो या गुमास्ता लाइसेंस, सबके लिए लोक सेवा केन्द्र….

कोरबा 6 सितंबर। लोकतंत्र में जितना महत्व शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्लानिंग का है, उससे कहीं ज्यादा अहमियत योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने की है। इस पर भी यदि समय पर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाए तो बात कुछ और बन जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश वासियों के छोटे-छोटे कामों के लिए भी ऐसी ही सरल और सहज सुविधाओं की स्थापना की है। अब जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र बनाना हो या दुकान खोलने के लिए गुमास्ता लाइसेंस, सभी के लिए एक ही जगह तय है। प्रदेश में ऐसे दस्तावेजों को बनाने के लिए लोक सेवा केन्द्र और च्वाइस सेंटर शुरू किए गए हैं। इन केन्द्रों में लोगों को अब लंबी-लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ती। दस्तावेजों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर से भी मुक्ति मिल गई है। साथ ही समय सीमा तय होने के कारण एक निश्चित अवधि के बाद दस्तावेज मिलने की निश्चितता की गारंटी भी है। कोरबा जिले के लोगों को भी शासकीय योजनाओं और सेवाओं का तय समय सीमा में प्रभावी ढंग से लाभ दिलाने के लिए 26 लोक सेवा केन्द्र और 412 कॉमन सर्विस सेंटर चल रहे हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुश्री शिखा राजपूत ने बताया कि कोरबा जिले के लोक सेवा केन्द्रों में पिछले ढाई वर्षों में दो लाख 38 हजार 134 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जिसमें दो लाख 24 हजार 401 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।

यहां यह बताना लाजमी है कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लागू होने से पहले लोगों को अपने दस्तावेजों और जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए दफ्तर-दफ्तर भटकना पड़ता था। आय का दस्तावेज पटवारी के प्रतिवेदन पर तहसीलदार कार्यालय से बनता था तो जाति प्रमाण पत्र के लिए सरपंच से लेकर एसडीएम कार्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते थे। गुमस्ता लाइसेंस बनाने के लिए नगरीय क्षेत्रों में जोन कार्यालयों से लेकर वाणिज्य कर कार्यालय और निगम पालिका कार्यालयों तक की दौड़ लोगों को लगानी पड़ती थी। अपनी ही जमीन का नक्शा-खसरा, बी 1 रिकॉर्ड लेने के लिए पटवारियों से लेकर तहसील कार्यालयों तक जाना पड़ता था। लोक सेवा गारंटी नियम के लागू हो जाने से लोगों के यह सब काम अब एक छत के नीचे हो जाते हैं। शासन-प्रशासन की संवदेनशीलता के कारण आम जनता को सहज रूप से इसका लाभ मिल रहा है।
राज्य में सुशासन की धारणा को स्वीकार कर आम जनता को बेहतर एवं प्रभावी सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना राज्य के सभी जिलों में लागू की गई है। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक वर्क फ्लो प्रणाली के माध्यम से जिले के लोगों को कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, ऑनलाइन और इंटरनेट के माध्यम से कुशलता पूर्वक विभिन्न विभागों की सेवाएं प्रदान करने में मदद करती है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को राज्य में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जिले में कुल 40 प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही है। जिला कार्यालय, नगर निगम तथा सभी तहसीलों एवं उपतहसीलों को मिलाकर जिले में कुल 26 लोक सेवा केन्द्र तथा 412 कॉमन सर्विस सेंटर कार्य कर रहे हैं। इन लोक सेवा केन्द्रों एवं कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलो में निवासरत् ग्रामीणों को बुनियादी सेवाएं एवं सुविधाएं तय समय सीमा में प्रभावी ढंग से प्राप्त हो रही है। कोरबा जिले में पिछले ढाई सालों में विभिन्न सेवाओं के लिए दो लाख 38 हजार 134 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जिसमें दो लाख 24 हजार 401 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। इस दौरान पाली विकासखण्ड से सर्वाधिक 41 हजार 482 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार कटघोरा विकासखण्ड से 34 हजार 027, कोरबा से 30 हजार 499, पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक से 27 हजार 689 तथा विकासखण्ड करतला से 18 हजार 945 आवेदन लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त किए जा चुके हैं। जिले के लोक सेवा केन्द्रों में पिछले ढाई वर्षों में सर्वाधिक 81 हजार 040 आवेदन आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आए हैं। इसी प्रकार निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 44 हजार 982, नकल के लिए 40 हजार 441, जाति प्रमाण पत्र के लिए 36 हजार 899, जन्म प्रमाण पत्र के लिए आठ हजार 380 तथा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दो हजार 504 आवेदन प्राप्त किए गए। प्राप्त आवेदनों में से लगभग 94 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुश्री शिखा राजपूत ने बताया कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से लोग निवास, जाति, आय प्रमाण पत्र, गुमाश्ता, लाइसेंस आदि बनवाने के लिए आते हैं। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से इन्हें सभी जरूरी सेवाएं समय पर मिल जाती हैं। पहले जिले के किसानों को खसरा, नक्शा, बी-1, बी-2 जैसे दस्तावेजों के लिए पटवारी कार्यालय एवं तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ते थे, परंतु अब लोक सेवा गारंटी के माध्यम से ये सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं जिससे ग्रामीण जनता में उत्साह एवं खुशी का माहौल है।

Spread the word