बिजली उत्पादन कंपनी के सैकड़ों आवासों पर बेजा कब्जा

कोरबा 4 सितम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड के कोरबा स्थित आवासीय परिसर में सैकड़ों आवास बेजा कब्जा की भेंट चढ़ गए हैं। इससे न तो बिजली कंपनी को किराया मिल रहा है और ना ही दूसरी सुविधाओं का शुल्क। इस चक्कर में कंपनी को हर महीने लाखों का नुकसान हो रहा है। चाहकर भी बिजली कंपनी बेजा कब्जा को नहीं हटा पा रही है।

भिलाई में सेल के द्वारा इसी समस्या से बचने के लिए अपने आवासों का दूसरे तरीके से उपयोग किया जा रहा है। ऐसा किये जाने से वहां आवासों का संरक्षण और राजस्व अर्जन का काम संभव हो सका है। इसके उल्टे राज्य सरकार से नियंत्रित होने वाली बिजली कंपनी पिछले कई वर्षों से आवास सुविधा को खैरात में देने के साथ अब तक करोड़ों का नुकसान झेल चुकी है। सूचनाओं के अनुसार कोरबा शहरी क्षेत्र में पावर कंपनी के ढाई सौ से ज्यादा आवास गैर कर्मी और आपात्र लोगों की भेंट चढ़ चुके हैं। ऐसी स्थिति में पावर कंपनी को न तो ऐसे आवासों का किराया मिल रहा है और ना ही दूसरी सुविधाओं का। बताया जाता है कि बिजली और पानी काटने के चक्कर में अवैध कब्जाधारी यहां-वहां से जुगाड़ लगाने के साथ फिर यथा स्थिति में आ जाते है। ऐसा किये जाने से उन्हें मुफ्त की सुविधा निर्बाध रूप से प्राप्त हो रही है। पावर कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि ऐसे मामलों में उनके द्वारा संबंधितों को लगातार नोटिस भेजने के साथ और भी स्तर पर कार्रवाई की जा रही है लेकिन राजनैतिक और सरकारी दखलंदाजी का असर है कि चाह कर भी हम कुछ नहीं कर पाते।

इस समस्या से निजात पाने के लिए पिछले वर्षों में पावर कंपनी के द्वारा आवासों को बुक या पेनल रेंट पर दिये जाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा था। अज्ञात कारणों से अधिकारियों ने अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया। अगर यह काम हो जाता है कि बेजा कब्जा की समस्या खत्म करने में प्रबंधन सफल हो सकेगा और वास्तविक जरूरतमंदों को ऐसे आवास देने के साथ बड़ी राशि भी प्राप्त कर सकेगा।

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