छत्तीसगढ़ कांग्रेस का दंगल अब दिल्ली में, फैसला कभी भी
नईदिल्ली 27 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बदले जाएंगे या भूपेश बघेल इस पद पर कायम रहेंगे इस बात का फैसला आज या आने वाले 2-3 दिन में होगा। हाईकमान ने प्रदेश के अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया है। इसके लिए गुरुवार शाम रायपुर एक चार्टर प्लेन पहुंचने की खबर है। यह प्लेन सुबह विधायकों को लेकर दिल्ली जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शुक्रवार सुबह दिल्ली जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले से ही दिल्ली में हैं।
दरअसल 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही यह मुद्दा सामने आया था कि पार्टी ने ढाई साल बाद सरगुजा के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाने का कमिटमेंट किया है। 16 जून 2021 को सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद यह मुद्दा फिर खड़ा हो गया।
टीएस सिंहदेव के समर्थक जून के बाद से ही लगातार इस कमिटमेंट को लेकर आक्रामक रहे हैं। वे विभिन्न प्लेटफार्म, पार्टी फोरम पर टीएस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाते रहे हैं। हालांकि टीएस इस मुद्दे पर हमेशा पार्टी लाइन की बातें करते रहे। उन्होंने गुरुवार को भी कहा कि टीम का हर खिलाड़ी कप्तान बनने की सोचता है, लेकिन सवाल उसकी सोच का नहीं क्षमता का है। अब फैसला हाईकमान करेगा।
दिल्ली में इंतजार कर रहे टीएस सिंहदेव गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर केंद्रित प्रदर्शनी पहुंचे. उनके साथ युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी श्रीनिवास और छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कोको पाढ़ी भी थे।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिल्ली में प्रेस से चर्चा में कहा कि पार्टी ने ढाई साल के फॉर्मूले पर कभी बात नहीं की। यह सिर्फ मीडिया का कयास था कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुने जाने पर क्या ऐसा कोई फॉर्मूला बनता है। हाईकमान पार्टी में लोगों की भूमिका तय करता है और हम उन जिम्मेदारियों को निभाते हैं। सिंहदेव ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी टीम में खेलता है तो क्या वह कप्तान बनने के बारे में नहीं सोचता? क्या आप नहीं बनना चाहेंगे? हर कोई उसके बारे में सोचता है, लेकिन सवाल उसकी सोच का नहीं, उसकी क्षमताओं का है। फैसला हाईकमान लेता है। सिंहदेव के इस बयान से सत्ता संघर्ष की तस्वीर कुछ साफ होने लगी है। उधर, रायपुर में भी राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।
बताया जा रहा है, कि मुख्यमंत्री के पास बैठक का बुलावा आ गया है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी दिल्ली से बुलावा आने की चर्चा है। मरकाम गुरुवार को मरवाही के दौरे पर थे। उनका शुक्रवार को कोटा और पंडरिया में कार्यक्रम तय है, लेकिन अब इसमें परिवर्तन हो सकता है। पार्टी के सभी विधायक दिल्ली जाने वाले हैं। करीब 35 लोग वहां पहुंच गए हैं। शेष विधायक-मंत्री आज जाएंगे। कांग्रेस के दो सांसद भी इसमें शामिल हैं। बताया जा रहा है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक की अध्यक्षता कर सकती हैं। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया भी इसमें शामिल होंगे। कांग्रेस पार्टी और सरकार की पूरी नजर इस बैठक पर टिकी है।
अभी तक की सूचना के मुताबिक विशेष उड़ान से बृहस्पत सिंह, देवेंद्र यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विनय भगत, प्रकाश नायक, किश्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, गुरुदयाल बंजारे, पुरुषोत्तम कंवर, कुंवर निषाद, चिंतामणि महाराज, भुनेश्वर बघेल, लक्ष्मी धुर्वे, रश्मि सिंह और शकुन्तला साहू दिल्ली रवाना हुए हैं। मंत्री अमरजीत भगत भी दिल्ली गए हैं।
बताया जा रहा है कि इस विवाद के समाधान में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी बड़ी भूमिका हो सकती है। शीर्ष नेतृत्व उनसे इस संबंध में सलाह-मशवरा कर रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व की मौजूदा पीढ़ी में अधिकतर लोग दिग्विजय सिंह के करीबी हैं। उनको प्रदेश की राजनीतिक समझ भी अधिक है। उनसे मिलकर समाधान की ओर ले जाने की कोशिश हो रही है।
इस बीच दिल्ली में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू 18 अगस्त से ही दिल्ली में जमे हुए हैं। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत आज शाम को दिल्ली जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम भी कल दिल्ली पहुंच रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत 28 अगस्त को दिल्ली जा रहे हैं। हालांकि, सभी दिल्ली जाने की अलग-अलग वजह बता रहे हैं।