छत्तीसगढ़: कांग्रेस में सी. एम. के कुर्सी की लड़ाई अभी थमी नहीं
भूपेश के नेतृत्व में यह लड़ाई लंबी चलने वाली हैं- कौशिक
बिलासपुर 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस में अंतर्कलह और सीएम के कुर्सी की लड़ाई अभी थमी नहीं हैं। अभी शुरुआत हैं, भूपेश के नेतृत्व में यह लड़ाई कांग्रेस में लंबी चलने वाली हैं और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय करने में समय लगेगा। दिल्ली में विकास पर चर्चा की बात करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ लौट कर जिस प्रकार ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर चर्चा की, उससे उन्होंने आग में पानी फेंककर धुंए का गुबार छोड़ा है।
किसान पुत्र बताने वाले भूपेश को बताना चाहिए की लगातार उनके नेतृत्व में किसानों के साथ अन्याय क्यों हो रहा हैं? रकबा कटौती से लेकर घटिया खाद बीज और किश्तों में भुगतान कर किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा हैं। बिजली कटौती से किसान परेशान हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हम भी किसान हैं, किसानों का दर्द ढाई-ढाई साल की कुर्सी पर ध्यान केंद्रित कर और दस जनपद के चक्कर काटकर नहीं समझा जा सकता।
कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा ढाई-ढाई साल में चर्चा नहीं होने की बात ही इस बात को प्रमाणित करती है कि भूपेश की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई हैं।
मुख्यमंत्री बघेल को बताना चाहिए कि राहुल गांधी से चर्चा के बाद केसी वेणुगोपाल के माध्यम से सोनिया तक कौन सी बात पहुंचाई गई?
टीएस सिंहदेव ने कौन-कौन सी शिकायतें पहुंचाई?
जिन दो नेताओं के बीच ढाई-ढाई साल की चर्चा हैं, उन्ही दो नेताओं का दिल्ली दौरा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को कांग्रेस द्वारा दूर रखकर कौन सी चर्चा चल रही हैं? जो खत्म ही नहीं हो रही हैं।
भूपेश समर्थक भूपेश बघेल के अड़े होने का नारा लगा रहे हैं। अब भूपेश को बताना चाहिए कि किस लिए अड़े हैं, क्योंकि ढाई-ढाई साल के फार्मूले के बीच छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की भी चर्चा होने लगी हैं।