दो जगह नौकरी करते रहे डीएमएफ से नियुक्त जिला अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट
कोरबा 10 जुलाई। आम लोगों की राहत के लिए गठित जिला खनिज न्यास के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की भर्राशाही किस कदर हावी है, इस मामले से पता चलता है। डीएमएफ से नियुक्त रेडियोलाजिस्ट डा. दिलीश सिंह एक साथ दो जगह सेवा प्रदान कर रहे। नियमानुसार डीएमएफ से नियुक्त चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस नहीं करनी है। इस नियम को दरकिनार कर डा सिंह दो-दो नौकरी करते रहे। हद तो यह है कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत रेडियोलाजिस्ट के नाम पर अल्ट्रासाउंड मशीन का पंजीयन स्वास्थ्य विभाग ही करता है, बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ाते चिकित्सक के कारनामे की जानकारी विभाग नहीं होना, अनेक सवाल खड़े कर रहा।
आम जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए शासन ने जिला खनिज न्यास डीएमएफ की व्यवस्था दी। इसमें जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना भी शामिल है। स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने आड़े आ रही संसाधनों की कमी दूर करने डीएमएफ से विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त किया गया। दो लाख प्रतिमाह वेतन पर की गई इस नियुक्ति में शर्त यह रखी गई कि इस दौरान चिकित्सक केवल शासकीय अस्पताल में आम जनों के लिए समर्पित होकर चिकित्सा सेवा प्रदान करेंगे। शासन-प्रशासन की मंशा और उद्देश्य के विपरीत जिला अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डा दिलीश सिंह दूसरे अस्पताल में भी सेवा प्रदान कर रहे, उनके इस कृत्य की जानकारी तक नहीं होने की बात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे। नियुक्त के वक्त भी सेवा की शर्तों को पढ़कर ज्वाइन करने वाले रेडियोलाजिस्ट भी कह रहे कि उनको इस नियम की जानकारी नहीं थी कि डीएमएफ पर सेवा के दौरान किसी और निजी अस्पताल में कार्य करना या निजी प्रैक्टिस करने पर पाबंदी है। इस मामले में अनभिज्ञता बताते हुए अब आला अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसा हो रहा तो रेडियोलाजिस्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा और शिकायत सही रही तो निश्चित तौर पर कार्रवाई भी की जाएगी।