कच्चे मकान तोड़कर हाथी पी गया शराब, नशे में फसल रौंदा
कोरबा 9 जुलाई। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अवैध शराब बनाना ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन गया है। शराब बनाने के जिन ठिकाने को आबकारी और पुलिस विभाग के जवान भी नहीं ढूंढ पाते वहां हाथी जा धमक रहे। पसान वन परिक्षेत्र के खोडरी गांव के एक एक कच्चे मकान की दीवार तोड़ कर हाथी अंदर रखे शराब को सूड़ से पी गया। साथ ही लाहन को भी चट कर दिया। नशे में मदमस्त हुए इस हाथी ने करीब तीन एकड़ में लगे धान के थरहा को नुकसान भी पहुंचाया है।
वन मंडल कटघोरा के पसान व केंदई परिक्षेत्र में हाथियों की चहलकदमी लगातार बनी हुई है। इस क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक संख्या में हाथी अलग-अलग झुंड में घूम रहे। ज्यादातर उनके रात के वक्त आबादी में घुसने व खेतों को चौपट करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब दिन में भी हाथी गांव में आकर मकानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्राम खोडरी में एक हाथी ने मकान की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया और सूंड़ के सहारे अंदर रखी शराब को पी गया। मकान में रखा चावल भी चट कर गया। घटना के समय घर में कोई नहीं था। ग्रामीणों ने बताया कि घर में महुआ व शराब रखी हुई थी, जिसकी गंध उसे उस मकान तक खींच लाई। महुआ पास खाने व शराब पीने के बाद मदमस्त हाथी खेतों की ओर चला गया।
इससे पूर्व भी ऐसी कई घटनाएं हुईं हैं, जिसमें शराब की गंध से आकर्षित हो हाथियों ग्रामीणों के मकानों को निशाना बना चुके हैं। हाथी के उत्पात को देखते हुए जिला आबकारी विभाग ने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को सख्त हिदायत दी है कि महुआ संग्रहित कर घर में न रखें और कच्ची शराब भी न बनाएं। कच्चे मकानों में महुआ संग्रहित करने या उसकी शराब बनाने से गंध दूर तक फैल जाती है। मीलों दूर जंगल में छुपे हाथियों का झुंड उसकी महक से आकर्षित होकर गांव में घुसपैठ करते हैं, जो ग्रामीणों के लिए नुकसान का सबब बन सकता है या जनहानि भी हो सकती है।