बारिश ने घटाई बिजली की डिमांड, मात्र 2200 मेगावाट खपत

कोरबा 10 मई। बैसाख माह में रूक रूक कर प्रदेश में हो रही बारिश से जहां आमजनों ने राहत की सांस ली है, वहीं राज्य में बिजली की डिमांड भी गिरावट आने से संकट की स्थिति निर्मित नहीं हो सकी। बिजली की उपलब्धता 3069 मेगावाट, तो खपत 2296 मेगावाट रही। लगभग 775 मेगावाट बिजली अंडरड्राल की गई।

अंग्रेजी माह मई में तेज गर्मी अभी तक नहीं पड़ सकी है। पिछले तीन दिनों से राज्य में आसमान में बादल छाने के साथ अलग-अलग समय बारिश हो रही है। मौसम में ठंडकता आने से लाकडाउन में हर वर्ग के लोग राहत की सांस ले रहे हैं। घरों में कूलर-एसी भी कम चल रहे है। वहीं लाकडाउन से प्रतिष्ठान भी बंद है। इसका फायदा विद्युत कंपनी के संयंत्रों को मिल रहा है। गर्मी में बिजली की मांग कम होने से संयंत्रों में उत्पादन का दबाव भी नहीं है। इसलिए सभी संयंत्र कम क्षमता पर चल रहे हैं। 1340 मेगावाट वाले हसदेव ताप विद्युत संयंत्र एचटीपीपी में 933 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। इसी तरह डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह डीएसपीएम में 500 के स्थान पर 352 मेगावाट तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र से एक हजार के स्थान पर 538 तथा बांगो जल विद्युत संयंत्र से 120 के स्थान पर 40 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है। इस तरह राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्र से 1861 मेगावाट व आईपीपी सीपीपी मिला कर कुल 1971 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है। सेंट्रल सेक्टर से 1110 मेगावाट बिजली मिलने से कुल उपलब्धता 3061 मेगावाट के करीब है। जबकि राज्य में बिजली की खपत 2296 मेगावाट पीक अवर्स शाम छह से रात नौ बजे तक रही। अक्सर गर्मी के दिनों में बिजली संकट का सामना प्रदेशवासियों को करना पड़ता थाए वहीं बिजली की डिमांड भी मई माह में चार हजार मेगावाट से उपर पहुंच जाती थी। लेकिन इस बार डिमांड कम होने से उत्पादन कंपनी का अमला भी राहत की सांस ले रहा है।

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