प्रख्यात कथाकार, पत्रकार विश्वेश्वर शर्मा नहीं रहे
कोरबा 25 अप्रेल: छठवें दशक के हिंदी के महत्वपूर्ण कहानीकार दबा हुआ मस्तिष्क जैसी बहुचर्चित कहानियों के प्रख्यात कथाकार विशेश्वर शर्मा का आज देहावसान हो गया।
मुलतः दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ के निवासी विशेश्वर शर्मा 90 के दशक में कोरबा आए थे और यहां पत्रकारिता की। उन्होंने अलख जगाई उन्होंने कोरबा कोबरा, हिंद प्रतिष्ठा, वीर छत्तीसगढ़ जैसे सप्ताहिक अखबार का संपादन किया और कोरबा की पत्रकारिता को एक नई ऊर्जा और धार देने का काम किया।
यही नहीं उन्होंने अनेक नए पत्रकारों को दीक्षा दी और उन्हें पत्रकारिता में स्थान दिलाया। अंचल के पत्रकारिता, साहित्य और सामाजिक जीवन में विश्वेश्वर शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है उन्होंने कामरेड नवरंग लाल के साथ भी लंबे समय तक काम किया। विश्वेश्वर शर्मा ने स्थानीय साहित्यिक गतिविधियों को दिशा प्रदान की वही प्रगतिशील लेखक संघ के संरक्षक थे। उनके निधन पर अंचल के साहित्यकारों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।