ड्रग्स कंट्रोलर ने कोरोना मरीजों के इलाज में विराफिन दवा के उपयोग को मंजूरी दी
नई दिल्ली 23 अप्रैल। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को विराफिन दवा के कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। जाइडस कैडिला ने हाल ही में डीसीजीआई से Pegylated Interferon alpha-2b (विराफिन) दवा के लिए मंजूरी की मांग की थी, जिसके आज प्रदान कर दी गई है। इस दवा को कोरोना के मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रवूल दिया गया है।
जाइडस कैडिला की यह दवा एक सिंगल डोज दवा है, जिसकी वजह से कोरोना मरीजों के इलाज में काफी हद तक मदद मिलेगी। रेग्युलेट्री फाइलिंग के दौरान कंपनी ने बताया है कि कोरोना होने के बाद जल्द विराफिन देने से मरीज काफी जल्दी रिकवर हो सकेगा और कई तरह की जटिलताएं भी दूर होंगी। विराफिन दवा अस्पताल/संस्थागत सेटअप में इस्तेमाल के लिए मेडिकल स्पेशिलिस्ट के पर्चे के बाद उपलब्ध हो सकेगी।
पहले हेपेटाइटिस सी के उपचार के काम आती थी
जायडस के जिस विराफिन इंजेक्शन को मंजूरी मिली है, उसका पूरा नाम पेगिलेटेड इंटरफेराॅन अल्फा-2 बी है। इसे मूल रूप से लीवर के रोग हेपेटाइटिस सी के उपचार के लिए 10 साल पहले मंजूरी मिली थी। अब इसे कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्रस्तावित किया गया है।
20-25 सेंटरों पर विराफिन का ट्रायल किया गया
देशभर के 20-25 सेंटरों पर विराफिन का ट्रायल किया गया था। जायडस ने दावा किया कि विराफिन देने के बाद कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत बहुत कम पड़ी। इससे स्पष्ट है कि यह संक्रमित व्यक्ति को सांस होने वाली तकलीफ व सांस उखड़ने की समस्या को नियंत्रित करने में कारगर है। देश में जारी मौजूदा कोरोना लहर में अधिकांश रोगी इन समस्याओं के सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं।
कैसे काम करेगा विराफिन
जायडस के अनुसार विराफिन इंजेक्शन के एक डोज से ही कोरोना रोगियों के इलाज में बहुत मदद मिलेगी। कोविड रोगियों को संक्रमण के बाद ही यदि इसे लगा दिया गया तो उनकी तेजी से रिकवरी हो सकेगी और उन्हें अन्य परेशानियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
कोरोना के इलाज में मिलेगी बड़ी राहत
जायडस के इस इंजेक्शन को मंजूरी ऐसे समय मिली है, जब कोरोना पीड़ितों के इलाज में काम आ रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की देश में भारी किल्लत हो गई है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी तक हो रही है। ऐसे में विराफिन से बड़ी राहत मिल सकती है। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से अनेक रोगियों की मौत हो चुकी है। आए दिन ऐसी मौतों की खबरें आ रही हैं।
कितनी कारगर है दवा
दवा बनाने वाली कंपनी जायडस ने दावा किया है कि वीराफिन के इस्तेमाल से कोरोना मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 7 दिन बाद निगेटिव आई है। ऐसा कोरोना के 91.15 प्रतिशत मरीजों के साथ हुआ है। कंपनी ने बताया कि इस दवा से कोरोना के मरीजों को वायरस से लड़ने की ताकत मिलती है। अगर वायरस से संक्रमण के शुरुआती लक्षणों के बाद यह दवा मरीज को दी जाए तो उसे कोरोना से तेजी से उबरने में मदद मिलेगी।