दुनिया ने ली राहत की सांस, स्वेज नहर में फंसा जहाज निकला
काहिरा 29 मार्च :स्वेज नहर में पिछले 6 दिनों से फंसा हुआ विशालकाय मालवाहक जहाज एवर गिवेन निकल गया है और अब धीरे-धीरे अपने मंजिल की ओर बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 04:30 बजे माल वाहक जहाज को निकाल लिया गया। कंटेनरशिप एवर गिवेन के निकलने से दुनिया की राहत की सांस ली है। इससे पहले स्वेज नहर में फंसे इस विशालकाय जहाज को हटाने के काम में दो विशेष नौकाएं लगाई गईं थीं।
एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन नामक विशाल जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था। तब से अधिकारी जहाज को निकालने और जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश में जुटे थे। कड़ी मेहनत के बाद अब उन्हें सफलता मिल गई है।एवर गिवेन जहाज को 25 भारतीय चला रहे हैं। सभी भारतीय चालक पूरी तरह से सुरक्षित बताए गए हैं। 193.3 किलोमीटर लंबी स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इसी रास्ते से दुनिया के करीब 30 फीसदी शिपिंग कंटेनर गुजरते हैं। पूरी दुनिया के 12 फीसदी सामानों की ढुलाई भी इसी नहर के जरिए होती है।
इस नहर से रोजाना 9 अरब डॉलर का कारोबार
नहर से रोजाना नौ अरब डॉलर का कारोबार होता रहा है। जहाज के फंसने से वैश्विक परिवहन और व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ा है जो पहले से ही कोरोना महामारी से प्रभावित है। बर्नहार्ड शिपमैनेजमेंट ने कहा कि प्रारंभिक जांच में किसी यांत्रिक गड़बड़ी या ईंजन का विफल होना जहाज की फंसने की वजह के रूप में सामने नहीं आया है। विश्व के व्यस्ततम समुद्री रास्तों में से एक मिस्र के स्वेज नहर में विशाल कंटेनर शिप एवर गिवेन के फंसने से दुनियाभर के 300 से ज्यादा मालवाहक जहाज और तेल कंटेनर फंस गए थे. समुद्र में लगे भीषण ट्रैफिक जाम का असर दुनिया में साफ दिखाई देने लगा था। टॉइलट पेपर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी सुजानो एसए ने चेतावनी दी थी कि जहाज के फंसने से वैश्विक स्तर पर टॉइलट पेपर का संकट पैदा हो सकता है। सुजानो एसए ने कहा कि टॉइलट पेपर को ले जाने जहाजों और शिपिंग कंटेनर की भारी कमी हो गई है। स्वेज नहर में लगे इस जाम से बचने के लिए कई देशों के जहाज अफ्रीका का चक्कर लगाते हुए जा और आ रहे थे। इससे सामानों के आने में एक सप्ताह का समय बढ़ गया है।