मुम्बई पुलिस के कारण गंदी व झूठी राजनीति के कुचक्र में फंसा महाराष्ट्र
■ 27 फरवरी को मनसुख और उसके भाई विनोद के बीच हुई बातचीत का अंश पढ़े..
मुम्बई 23 मार्च: शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को यह जवाब देना मुश्किल हो रहा है कि आखिर देश की आर्थिक राजधानी में एक अरबपति कारोबारी के आवास के बाहर विस्फोटक से भरी गाड़ी खड़ी करने वाला पुलिस अधिकारी किसके इशारे पर काम कर रहा था।
दूसरी तरफ गृहमंत्री की साख को बचाने में ये झूठ का सहारा लेने से भी नही शरमा रहे हैं.ऐसा लगने लगा है कि महाराष्ट्र में राजनीति उस दौर में पहुंच गई है जहां आरोप-प्रत्यारोप के बीच सच्चे -झूठे दावे किए जा रहे हैं। सोमवार को अनिल देशमुख के बचाव में उतरे शरद पवार ने कहा था कि 5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र् गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोना की जंग लड़ रहे थे, उनकी इस बात का समर्थन खुद अनिल देशमुख ने भी किया था।
जबकि इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोई निर्णय लेने के बजाय तमाशबीन बने हुए हैं। इस बीच पता चला है किअनिल देशमुख 5 से 15 तारीख तक तो नागपुर के हॉस्पिटल में उपचार करा रहे थे लेकिन उसके बाद उनके घर पर मौजूद रहने का दावा झूठा है क्योंकि अनिल देशमुख प्राइवेट विमान से अपने परिवार और 2 सहायक तथा कुल आठ लोगों के साथ मुंबई आए और सरकारी आवास में रुके थे।
उसी दौरान सचिन बजे उनसे मिलने गए थे और माना जा रहा है कि हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद वह नागपुर में नहीं थे बल्कि मुंबई में थे। इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया है अनिल देशमुख को बचाने के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार मीडिया को झूठी जानकारी मुहैया कराए थे जबकि उन्होंने ऐसा जानबूझकर किया या फिर उन्हें तथ्यों की सही जानकारी नहीं थी।
ऐसा भी संभव है कि अनिल देशमुख अपनी कुर्सी बचाने के लिए शरद पवार को गलत जानकारियां दी हो। यदि यह खुलासा सही है तो पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह जो आरोप अपने पत्र में लगाया है उसमें सच्चाई दिख रही है। इस बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के सफर के 15 फरवरी की टिकट मिले हैं जबकि बताया जाता है कि देशमुख हॉस्पिटल से भी उस दौरान एक सर्टिफिकेट बनवाया था कि वह फ्लाइट से सफर कर सकते हैं।
इस आरोप के बाद ट्विटर पर वीडियो शेयर कर अनिल देशमुख ने बताया कि ‘कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के हॉस्पिटल में भर्ती था लेकिन इसके बाद 15 फरवरी को चार्टर प्लेन से मुंबई गए। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों से अनुमति ली थी जबकि डॉक्टरों ने मुझे विमान यात्रा के लिए फिट बताया था लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने परमबीर सिंह के आरोप को गलत बताया।
इस बीच सूत्रों की माने तो प्रदेश सरकार परमवीर सिंह के आरोपों की जांच कराने की सोच रही है और उद्धव सरकार मुंबई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से पूरे प्रकरण की जांच करा सकती है तथा जांच के लिए कमेटी गठित कर सकती है ।
इस बात की संभावना हैं कि होली के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता हैं एनसीपी ,शिवसेना और कॉंग्रेस इन तीनो पार्टियों के कोटे से कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है.यह अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि अनिल देशमुख अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं या साफ नहीं है।
इस बीच एंटीलिया और मनसुख मामले को लेकर महाराष्ट्र एटीएस ने एक और कार तथा कोड में लिखे एक डायरी सचिन बजे की निशानदेही पर बरामद किया जबकि एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें मनसुख और उसका भाई विनोद के बीच 27 फरवरी को हुई बातचीत रिकॉर्ड है। ऑडियो क्लिप एटीएस केव हाथ लगी है और इसके मुख्य अंश नीचे मौजूद है।
27 फरवरी को मनसुख – विनोद की बातचीत के अंश विनोदः नींद हो गई क्या ? क्या हुआ ? मनसुखः अब नहीं जाना पड़ेगा सारा स्टेटमेंट हो गया है । विनोद : स्टेटमेंट में क्या लिखवाया ? वह गाड़ी सचिन वझे भी चलाते थे ? बताया न स्टेटमेंट में ? मनसुख : ऐसा नहीं लिखवाया । विनोद : क्यों नहीं लिखवाया ? मनसुखः सचिन वाझे ने कहा था कि वह गाड़ी चलाते थे , यह बात मत बताना , इसलिए वह बात मैंने स्टेटमेंट में नहीं लिखवाई .
विनोद तूने गलत लिखवाया है । कोई गड़बड़ी तो नहीं होगी न ? मनसुख : कुछ होगा नहीं ! ‘ साहब ‘ के पास ही मामला है । विनोद एटीएस वाले भी जानकारी निकालेंगे ? मनसुख साहब ( वझे ) के पास सब पेपर हैं । साहब ही मेन हैं । अब कुछ नहीं होगा । इस पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जल्द ही खुलासा करना होगा ताकि देश को सच्चाई का पता लग पाए।