होलाष्टक आरंभ: भूल कर भी नहीं करें कोई भी शुभ काम
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होलिका दहन है. इस दिन तक होलाष्टक मनायी जायेगी. आपको बता दें कि इसे होली से 08 दिन पहले माना जाता है. ऐसे में इस साल 22-28 मार्च तक होलाष्टक तिथि पड़ रही है. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में इसे अशुभ माना गया है. मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में मुंडन संस्कार, शादी-विवाह, गृह प्रवेश या नए पूरे भवन का निर्माण व नए व्यवसाय खोलने जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. दरअसल, इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं विस्तार से…होली से जुड़ी पौराणिक कथा
ऐसी मान्यता है कि कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या इसी दौरान भंग कर दी थी. जिससे नाराज होकर फाल्गुन की अष्टमी तिथि को ही शिव शंभू ने प्रेम के देवता को भस्म कर दिया था. जिसके बाद पूरी सृष्टि नीरस हो गयी थी. हालांकि, कामदेव की पत्नी रति ने शिव जी की अराधना करके दोबारा अपने पति कामदेव को पुर्नजीवित करवाया. जिसके बाद भक्तों ने 8 दिनों तक शुभ कार्य करने को वर्जित माना.होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन तिथि: 28 मार्च 2021होलिका दहन आरंभ तिथि: 18 बजकर 37 मिनट सेहोलिका दहन आरंभ तिथि: 20 बजकर 56 मिनट तकहोलिका दहन की कुल अवधि: कुल 2 घंटे 20 मिनटहोली का शुभ मुहूर्त, तिथि
होली की आरंभ तिथि: मार्च 28, 2021 को दोपहर 03 बजकर 27 बजे सेहोली की समाप्ति तिथि: मार्च 29, 2021 को 00 बजकर 17 बजे तकहोलाष्टक के दौरान भूल कर भी न करें ये कामवैवाहिक कार्य न करेंधन संपत्ति में निवेश करने की भूल न करेंनए व्यवसाय की शुरू न करेंगृह प्रवेश या घर के निर्माण या मरम्मत संबंधी कार्य न करें बच्चों के मुंडन नहीं कराएं नए वाहन की खरीदारी इस दौरान न करें