सोशल मीडिया में काफी लोकप्रिय हैं- बिलासपुर आई. जी. रतनलाल डांगी

बिलासपुर 13 मार्च। राजस्थान के ग्रामीण इलाके से निकल कर देश की कठिनतम परीक्षा यूपीएससी पास करने के बाद उनका IPS में चयन हुआ. उन्होंने उस भ्रान्ति को तोड़ दिया कि सफलता के लिए बड़ी स्कूलों व बड़े शहरों में जन्म होना जरूरी है, अगर कड़ी मेहनत की जाए तो ग्रामीण और आदिवासी बच्चे भी सफलता पा सकते हैं, उनके माता पिता शिक्षित नहीं थे. इसके बावजूद इनकी शिक्षा दीक्षा में कोई कमी नहीं रही. इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी झुठलाया है कि यह जरूरी नहीं है कि केवल शिक्षित माता पिता के बच्चे ही जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करें.

छत्तीसगढ़ में काकेर, बस्तर सहित सबसे ज्यादा नक्सली प्रभावित जिलों में इन्हें नियुक्त किया गया और वे यहां पर काफी हद तक शांति कायम करने में सफल भी रहे हैं. अनेक नक्सल प्रभावित इलाकों पर कार्य करते हुए स्थानीय युवाओं व लोगों को शिक्षा के महत्व को समझाने की कोशिश की और शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. साथ ही इन्होंने यहां के लोगों व युवाओं को इस बात का एहसास दिलाया कि बंदूक से ज्यादा कलम ताकतवर हथियार है और इसका उपयोग स्वयं,परिवार एवं देश के हित में किया जा सकता है.

आईजी रतनलाल डांगी स्पोर्टस और कसरत के जरिए सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय माने जाते है। पुलिस की व्यस्ततम और बगैर किसी रूटीन वाली डयूटी में भी सुबह 6 से 8 के समय कसरत के लिए निकलते है। उनका कहना है कि सुबह का समय पसीने के साथ निकलना चाहिए। आईपीएस रतनलाल डांगी को राष्ट्रपति वीरता पदक से भी नवाजा जा चुका है.

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