नियमितीकरण की मांग को लेकर अप्रेंटिसों ने जीएम कार्यालय के समक्ष घेराव कर किया प्रदर्शन
कोरबा 6 मार्च। कोयला खदान में नियोजित आईटीआई अप्रेंटिसशिप कर्मियों को नियमितीकरण को लेकर गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष घेराव कर प्रदर्शन किया गया। आंदोलनकारियों का कहना है कि अप्रेंटिस करने के बाद कर्मी भटकेंगेए जबकि कंपनी में पद रिक्त हैए ऐसी स्थिति में उन्हें नियमित किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की कौशल उन्नायन योजना के तहत सभी उपक्रम प्रबंधन तकनीकी कर्मियों को अप्रेंटिसशिप के तहत रख कर प्रशिक्षण दे रही है। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल में भी लगभग 5500 लोगों को अप्रेंटिस के तहत रखा गया था। इसके पहले भी छह सौ लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान में अप्रेंटिस कर रहे कर्मियों ने नियमितीकरण की मांग शुरू कर दी। कई चरण के आंदोलन उपरांत अब खदान क्षेत्र में आंदोलन शुरू हो गया है। शुक्रवार को पूरे एसईसीएल क्षेत्र के अप्रेंटिसों ने गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान वक्ताओं ने संबोधित करते हुए नियमितीकरण की मांग रखी। उन्होंने कहा कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से मेनपावर कम होते जा रहा है और उनके स्थान नई भर्ती नहीं हो रही है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी कर्मियों को अनुभव मिल जाता हैए ऐसी स्थिति में अप्रेंटिसों को नियमित किया जाना चाहिए। इससे अप्रेंटिस करने वाले कर्मियों को कार्य के लिए भटकना नहीं भी नहीं पड़ेगा। एसईसीएल में ही दो वर्ष में लगभग छह हजार आईटीआई पात्रताधारियों ने आप्रेंटिसशिप किया, अब नौकरी के लिए सभी भटक रहे हैं। आंदोलन में एसईसीएल के सभी क्षेत्र से पहुंचे अप्रेंटिस में काफी संख्या में लड़कियां भी शामिल रही। इस दौरान राज प्रजापति, महेंद्र राठौर, ऋषि पटेल, दीपक यादव, धिरेन्द्र पटेल हिमामशु,दीपक शर्मा,आशीष यादव अनुराग,सब्बीर,अभिषेक, संजय मोहबिया, चंद्रकांत, जया भारतीय, मीनाक्षी, दुर्गा, ममता व अन्य उपस्थित रहे। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि अप्रेंटिसों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील निर्मलकर के साथ न केवल एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर बल्कि कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता में भी जाकर धरना प्रदर्शन कर आंदोलन किया। लोकसभा सदस्य समेत अन्य राजनीतिक दलों को भी ज्ञापन सौंपा गया, पर केवल आश्वासन ही मिला है।
बेनतीजा रही बैठक, लगातार जारी रहेगा आंदोलनः-दिन भर आंदोलन के बाद शाम को प्रबंधन के साथ वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान गेवरा क्षेत्र के अधिकारी उपस्थित रहे। वार्ता में कई बिंदुओं पर चर्चा होने के बाद सकारात्मक पहल नहीं हो सका। प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया कि नियम के तहत नौकरी देना मुश्किल है। इस संबंध में कोल इंडिया ही कोई निर्णय ले सकती है। वार्ता बेनतीजा खत्म हो गई। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील निर्मलकर ने बताया कि दो घंटा तक चली वार्ता में प्रबंधन ने किसी भी तरह का आश्वासन देने से इंकार कर दिया। अब 24 घंटे आंदोलन लगातार चलेगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होती है तो आठ मार्च को खदान से कोयला उत्पादन व डिस्पैच बंद कराया जाएगा