जब पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के लिए सिगरेट लाने भोपाल से इंदौर भेजा गया हवाईजहाज
भोपाल 4 मार्च। मध्यप्रदेश राजभवन की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के बाद भाजपा ने एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा है। दरअसल राजभवन की वेबसाइट पर बताया गया है कि एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू भोपाल के दौरे पर गए थे। भोपाल दौरे पर वो राजभवन में रुके थे। जवाहरलाल नेहरू खाना खाने के बाद सिगरेट पीना पसंद किया करते थे। लेकिन राजभवन में उस समय सिगरेट मौजूद नहीं था। बाद में जब राजभवन के अधिकारियों को यह पता चला कि नेहरू जी की पसंदीदा सिगरेट एक्सप्रेस 555 वहां मौजूद नहीं है तो आनन फानन में तुरंत एक विमान को सिगरेट लाने के लिए भोपाल से इंदौर भेजा गया। स्टेट एक्सप्रेस 555 उस जमाने का मशहूर सिगरेट ब्रांड हुआ करता था।
नेहरू से जुड़े इस किस्से के बाद मंत्री विश्वास सारंग ने नेहरू परिवार पर देश को लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि नेहरू परिवार ने हमेशा देश को लूटने का काम किया है। आजादी के बाद विपरीत परिस्थितयों में इस तरह से जनता का पैसा फूंकने पर कांग्रेस के बड़े नेताओं को सफाई देना चाहिए।
यह भी है वेबसाइट पर
नेहरु जी से जुड़े एक और किस्से का जिक्र राजभवन की वेबसाइट पर किया गया है। किस्से के अनुसार एक बार भोपाल की बेगम ने नेहरु जी को अपने घर पर रुकने के लिए आमंत्रित किया। नेहरु जी ने आमंत्रण को स्वीकार कर उनके घर पर रुकने की हामी भर दी। लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी तत्कालीन राज्यपाल विनायक पाटस्कर को लगी तो उन्होंने तुरंत नेहरू जी को कहा कि आप एक आधिकारिक यात्रा पर हैं और राजभवन ही आपके रुकने के लिए उपयुक्त जगह है।
दूसरे राज्यपाल थे हरि विनायक
मध्य प्रदेश के गठन के बाद हरि विनायक पाटस्कर प्रदेश के दूसरे राज्यपाल थे। वे 1957 में प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए और 1965 तक वे इस पद पर रहे। उन्हें पदम विभूषण भी मिल चुका है। ये भारत की संविधान सभा के भी सदस्य रहे थे।
इधर दिग्विजय ने डॉ राजेंद्र प्रसाद और सरदार पटेल के पत्रों के आधार पर आरएसएस पर किया हमला।
भाजपा के जवाहर लाल नेहरू पर हमला करने के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पुराने पत्रों के आधार पर आरएसएस पर हमला बोला है। उन्होंने एक पुरानी किताब का हवाला देते किसी अन्य द्वारा किए गए ट्वीट पर रिट्वीट किया है। मूल ट्वीट में किताब के दो पेज की छायाप्रति लगाई गई है। जिसमे यह बताया गया है कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा सरदार पटेल को लिखा पत्र है। इस पेज के सबसे नीचे केंद्रीय सरकार की समस्यायें लिखा हुआ है।
‘राजेंद्र प्रसाद का पत्र सरदार’ इसमें जिन वाक्यों को हाईलाईट किया गया है उसमें लिखा है कि ‘दूसरी कई बाते ऐसी है जिनके बारे में मैं आपसे बात करना चाहूंगा। उनमें से एक है दिल्ली की स्थिति। यहां की स्थिति बड़ी तेजी से बिगड़ रही है और लोग मुझसे कहते है कि न केवल रा. स्वयंसेवक संघ फिर से स्वयं को संगठित कर रहा है अथवा एक बार फिर खुले में आ रहा है। क्योंकि इस संघ को कभी बिखेरा नहीं गया है। बल्कि चारों तरफ, विशेष रूप से निराश्रितों में यह काना फूसी का आंदोलन भी चल रहा है कि किसी भी समय उपद्रव फूट पड़ सकता है।’
इस पर दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि हमारे प्रथम राष्टÑपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद व सरदार पटेल के बीच आरएसएस के बारे में जो पत्र व्यवहार हुआ उसे अवश्य पढ़े। जिस आर एस एस की मानसिकता का जिक्र हमारे दोनो नेताओं ने किया है वहीं आज भी कायम है। असत्य अफवाह, नफरत और हिंसा ही उनकी कार्य करने की शैली रही है।