शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का अनिश्चित कालीन धरना शुरू

सुुुखदेव कैवर्त

करतला 31 दिसम्बर। पटवारियों के बाद अब सचिवों ने भी अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दो वर्ष की सेवा अवधी पूर्ण करने के बाद सचिव चाहते हैं,कि उन्हें भी सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और विरोध रैली निकाले जाने के बाद शनिवार से उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु हो गई है।ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा सहित अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालने वाले पंचायत सचिवों की भी अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरु हो गई है। शनिवार से पंचायत सचिव संघ की तानसेन चैक पर हड़ताल शुरु हो गई है। शिक्षाकर्मियों की तर्ज पर उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। अनिश्चितकालीन हड़ताल से पूर्व सचिवों ने एकदिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन और विरोध रैली निकाल कर सरकार को जगाने का प्रयास किया था लेकिन उनकी मांगो को अनसुना कर दिया गया है। यही वजह है, कि उन्होंने आर-पार की लड़ाई लड़ने की मंशा से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है। पूरे प्रदेश में सचिवों की हड़ताल चल रही है। जिले में सभी पांचो ब्लाॅक में सचिव हड़ताल कर रहे है। करतला विकासखंड में भी पंचायत सचिव जनपद कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए है। सचिवों का कहना है,कि उनकी मांगो पर जल्द से जल्द गंभीरता दिखाई जाए। अनिश्चितकालीन हडताल में संवित साहू, परमानंद राजवाड़े, कुंजबिहारी पटेल, अमित अग्रवाल, पुरूषोत्तम सिंह राठिया, जागेश्वर प्रजापति, पुष्पेन्द्र कुमार पैकरा, शिक्षा मिश्रा, सियाराम यादव, गणेश राम बिंझवार, बालाराम यादव, धरमसिंह कंवर, निरतुसिंह बिंझवार, लक्ष्मीनारायण राजपूत, लीलाधर सिंह, फिरतुराम नागेशिया, परसराम कौशिक, ओमप्रकाश भास्कर, खेदुसिंह पैकरा, दिलचंद साहू, चंदराम बरेठ, भुवनेश्वर सिंह राठिया, किशोर कुमार, हरिशंकर पटेल, पूर्णिमा कंवर, गणेशी कंवर, अरविंद सिंह राठिया, मो. शरीफ, रामदयाल पटेल, राजेंद्र खाण्डे, सत्यनारायण कंवर, संतोष दीवान, ललिता सिंह कंवर, कन्हैयालाल राठिया, जयलाल राठिया, आशा दिव्य, मीना राजवाड़े, गंगा प्रसाद साहू, हरिप्रसाद मरार,उदेराम मन्नेवार , बृजसिंह खरिया, विरेन्द्र किरण, गोपीसिंह कंवर, विनोद कुमार राठौर, शोभित उमेंद उत्तरा कुमार गुप्ता, देवसिंह उपस्थित थे। नौ सुत्रीय मांगो को लेकर पटवारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे है। वहीं अब पंचायत सचिवों का भी आंदोलन शुरु हो गया है। पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से धान खरीदी के साथ ही जमीन संबंधी सभी कार्य ठप्प पड़े हुए है। वहीं सचिवों के आंदोलन पर चले जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले सभी शासकीय कार्य प्रभावित होंगे। अब देखना यह है,कि सचिवों के हड़ताल को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है।

Spread the word