बिलासपुर : हार से नहीं लिया भाजपा नेताओं ने सबक.. पूर्व मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ भवन और भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओ के साथ गाली गलौज, धमकी, मारपीट की नौबत
बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बिलासपुर आगमन पर आज छत्तीसगढ़ भवन और भाजपा कार्यालय में स्वागत को लेकर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर गाली गलौच हुआ। पार्टी कार्यालय में भी पुराने कार्यकर्ताओं को उपेक्षित करने का आरोप लगाते हुए तीखी बहस हुई। इस तरह की घटना भारतीय जनता पार्टी में कभी नहीं हुई । सत्ता से बाहर होते ही भाजपा में कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी को समाप्त करने की बजाय और विवाद बनाया जा रहा है । एक तरफ कार्यकर्ताओ को विधानसभा चुनाव के 3 साल पहले ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है और भूपेश बघेल सरकार की नाकामियों को जनता तक पहुंचाने का आव्हान किया जा रहा है तो दूसरी तरफ पार्टी के ही पदाधिकारी इन कार्यकर्ताओ को अपने नेता का स्वागत करने से रोकने से बाज नहीं आ रहे और उनसे दुर्व्यवहार तक कर रहे है ।
अभी तक कांग्रेस के कार्यक्रमों में झगड़े मारपीट गाली गलौज जैसे घटनाएं आम होती थी मगर यही बात अब भाजपा में दिखाई देने लगी है। पार्टी के पदाधिकारी अभी भी सत्ता से बाहर होने का मोह नहीं त्याग पाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह गुरुवार को बिलासपुर पहुंचे। वे छत्तीसगढ़ भवन पहुंचते इसके पहले ही स्वागत को लेकर वहां मौजूद प्रवीण शर्मा नामक कार्यकर्ता को जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत ने धक्का देकर किनारे कर दिया। प्रवीण शर्मा ने जब विरोध किया तो कुमावत ने उसे धमकी दी कि वह पुलिस बुलाकर उसे यहां से उठवा देगा, तब तक डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ भगवान के कमरे में पहुंच चुके थे ।
मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ रमन सिंह भाजपा कार्यालय पहुंचते उसके पहले ही पार्टी कार्यालय में अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष बबलू सैफुद्दीन ने पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला उठाया और आरोप लगाया कि सत्ता से बाहर होने के बाद भी भाजपा में पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, जिसका वहां पर मौजूद अनेकों कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया। पार्टी कार्यालय में महिलाएं और वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद थे । इस दौरान बबलू सैफुद्दीन के साथ गाली गलौज किया गया। माहौल काफी गर्म हो गया था, सिरगिट्टी और बिल्हा के कार्यकर्ताओं ने भी पुराने कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह के व्यवहार का विरोध किया। डॉ रमन सिंह कार्यालय पहुंचते इसके पहले ही वहां का माहौल बदल गया था।
डॉ रमन सिंह द्वारा कार्यकर्ताओं को संबोधन के बाद मौजूद सभी कार्यकर्ताओं को अपने पास बुला कर उनके साथ ग्रुप में फोटो लिया गया । इस पर भी टिप्पणी की जाती रही कि यदि सरकार में रहते हुए 15 साल तक कार्यकर्ताओं का इसी तरह से सम्मान करते हुए फोटो लिया जाता तो प्रदेश से भाजपा की सरकार नहीं जाती। आज सत्ता से बाहर होने के बाद कार्यकर्ताओं की खोज खबर ली जा रही है, मगर पार्टी के जिले के पदाधिकारियों का रुतबा कम नहीं हुआ है और वह अभी भी ऐसा समझते हैं कि अभी भी सत्ता में है तथा कुछ भी कर सकते हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वर्तमान भूपेश बघेल की सरकार का विरोध करने के लिए भाजपा के कार्यकर्ता सड़कों पर कैसे आएंगे क्योंकि कार्यकर्ताओं का चंद पदाधिकारी अपमान करने से बाज नहीं आ रहे हैं।