नगरीय निकायः रोज डेढ़ टन कचरा के निपटारे की चुनौती

कोरबा 22 फरवरी। स्वच्छ भारत का इरादा, यह वादा कर लिया हमने, देश से अपने वादा। गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल। सूर्योदय के दौरान पक्षियों की चहचहाहट के बाद लोगों को यही पंक्तियां सुनने को मिलती हैं। और भी तैयार रहते हैं अपने घर से निकले कचरा को सही जगह देने के लिए। 5 लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले तेजी से विस्तारित होते कोरबा शहरी क्षेत्र मैं स्वच्छता को लेकर काम हो रहा है और हर रोज बड़ी मात्रा में कचरा का संग्रहण भी जा रही है। हर रोज निकलने वाले 1.5 टन कचरा के सुरक्षित निपटारा के लिए मैन्युअल और मैकेनिकल स्तर पर काम किया जा रहा है। स्वच्छता की आवश्यकता हर कहीं महसूस की जा रही है और इस पर विशेष प्राथमिकता के साथ काम करने पर जोर दिया जा रहा है।

सरकार ने नगरीय निकायों पर इसकी जिम्मेदारी दी है और उन्हें योजनाबद्ध तरीके से इस दिशा में काम करने को कहां है।क्षेत्रफल के मामले में छत्तीसगढ़ के तीसरे बड़े नगर पालिका निगम कोरबा मैं आबादी का घनत्व तेजी से बढ़ रहा है और इसी हिसाब से यहां पर अधोसंरचना और अन्य संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। नागरिक सुविधाओं के विकास के साथ दूसरे स्तर पर ढांचागत काम किया जाना जारी है। अपने मूल मंत्र ‘नगर निगम सेवा के लिए’ पर कार्यों को संचालित किया जा रहा है। इससे पहले के वर्षों में स्वच्छता सर्वेक्षण के मामले में कोरबा नगर निगम की रैंकिंग काफी अच्छी आई है और उसमें राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने में सफलता हासिल की है। वर्ष 2025 में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में और सुधार लाने के साथ इस काम से कम राज्य स्तर पर टॉप लाने के लिए कोशिश जारी है।

इन सब के बीच स्वच्छता पर पहले से किया जा रहे कार्यों को और तेज किया गया है। 7 जोन के 67 वार्ड नगर पालिका निगम में शामिल है। यहां पर घरेलू और व्यवसायिक कचरा के अलावा मेडिकल वेस्ट भी उत्सर्जित होता है इसके लिए अलग-अलग तरीके से प्रबंध किया गया है। कई आयाम इस मामले में सुनिश्चित किए गए हैं और इसके माध्यम से निगम क्षेत्र से उत्सर्जित होने वाले कचरा की डंपिंग के साथ-साथ छटाई वह रीसायकल के लिए कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि बड़ी संख्या में स्वच्छता दीदी के अलावा स्वच्छता मित्र इस कार्य में शामिल किए गए हैं और उनके माध्यम से रिहाईसी और गैर रिहाईसी इलाकों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन जा रहा है। बताया गया कि इसके माध्यम से जहां बड़ी संख्या में लोगों को आमदनी के स्रोत दिए जाने संभव हुए हैं वही अनूपयोगी सामानों के रीसायकल किए जाने से भी संबंधित लोगों को आजीविका के नए विकल्प प्राप्त हुए हैं।

बेस्ट टू वंडर थीम पर किया जा रहा कार्य
स्वच्छता क्षेत्र में नगर निगम कोरबा अच्छा प्रदर्शन करें इसके लिए बेहतर कोशिश की जा रही है। स्कूल, कॉलेज, मैं कई प्रकार की प्रतियोगिताएं कराई जा रही है। अस्पताल भी प्रतिस्पर्धा की श्रेणी में शामिल किए गए हैं। बेस्ट टू वंडर थीम पर आधारित कई कार्य किए जा रहे हैं। हर दिन दो वार्ड में विशेष स्वच्छता ड्राइव चलाई जा रही है। मणिकंचन केंद्र विकसित करने के साथ पब्लिक टॉयलेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। आम लोगों को स्वच्छता अभियान से जोडने के लिए मैराथन सहित कई प्रयोग किए जा रहे हैं।

स्वच्छता के लिए 1200 श्रम शक्ति का उपयोग
कोरबा क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए नगर निगम जो काम कर रहा है इसमें 1200 श्रम शक्ति का उपयोग हो रहा है। इसके साथ बड़े क्षेत्र से कचरा इकऋा करने के लिए 7 जोन में 300 ई रिक्शा चलाए जा रहे हैं। प्रतिदिन 1.5 टन कचरा एकत्रित हो रहा है । इसकी बड़ी मात्रा का निपटारा करने के लिए डंपिंग यार्ड की व्यवस्था की गई है। जबकि 16 स्थान पर सॉलिड लिक्विड रीसायकल मैनेजमेंट सेंटर( एसएलआरएम) का संचालन किया जा रहा है।
-डॉ संजय तिवारी, वरिष्ठ स्वच्छता अधिकारी

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