एसईसीएल कुसमुंडा खदान में महाबंद हड़ताल 2 दिसंबर को
10 से अधिक गांव के भू-विस्थापित होंगे आंदोलन में शामिल
कोरबा 30 नवम्बर। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट, खमहरिया की जमीन किसानों को वापस करने,बसावट एवं प्रभावित गांव में मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ 5 सूत्रीय मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक को राजीव सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए 2 दिसंबर को कुसमुंडा खदान के महाबंद की चेतावनी दी है।
किसान सभा के साथ नेता प्रशांत झा ने कहा कि भू-विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं अब अपने अधिकार को छिन कर लेंगे। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था।कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है। विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर 2021 को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान 1124 दिनों से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है। किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार, को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है। खमहरिया के किसान जिस जमीन पर कई पीढियों से खेती किसानी कर रहे है उसे प्रबंधन प्रशासन का सहारा लेकर किसानों से जबरन छीनना चाह रही है जिसका किसान सभा विरोध करती है और उन जमीनों को किसानों को वापस करने की मांग करती है। किसान सभा भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर उग्र आंदोलन की तैयारी कर रही है। भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
एसईसीएल कुसमुंडा कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भू-विस्थापित किसान एकजुट हुए भू विस्थापितों ने कहा की 2 को कुसमुंडा खदान महाबंद आंदोलन में प्रभावित गांव के हजारों पीडित भू विस्थापित परिवार सहित शामिल होंगे इस महाबंद आंदोलन को गेवरा दीपका के भी भू विस्थापितों ने अपना समर्थन दिया है इस बार समस्याओं के समाधान तक अनिच्छित कालीन आंदोलन होगा। प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से हरिहर,अनिल बिंझवार, कृष्णा, मानिक दास, फणींद्र, चंद्रशेखर, होरी ,रघुनंदन, नौशाद, परस,गणेश,के साथ प्रभावित भू विस्थापित उपस्थित थे। मांगे भू विस्थापित जिनकी जमीन सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई उन प्रत्येक खातेदार को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाए। जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है उन्हे तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए। अर्जन के बाद जन्म वाले सभी प्रकरणों का निराकरण कर जल्द सभी खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाए। पूर्व में अधिग्रहित खमहरिया की जमीन मूल किसानों को वापस की जाए। भैसमाखार के विस्थापित को बसावट प्रदान किया जाए।