धर्म परिवर्तन: अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने एवं मिलने वाले लाभ पर रोक लगाने की मांग
कोरबा 31 जनवरी। धर्म परिवर्तन करने वाले अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने एवं उक्त जाति वर्ग का होने से प्राप्त होने वाले सभी तरह के लाभ पर रोक लगाने की मांग मुख्यमंत्री से सतनामी कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष यू.आर.महिलांगे ने की।
इस संबंध में कोरबा सतनामी कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष यू.आर महिलांगे ने कोरबा कलेक्टर संजीव झा के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम पत्र प्रेषित किया है, प्रेषित पत्र में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत व राष्ट्रपति आदेशज्ञ 1950 की धारा 3 के तहत अनुसूचित जाति वर्ग का लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति का हिन्दू, सिक्ख या बौद्ध धर्म का पालन करने वाला होना चाहिए। उक्त धर्मों से भिन्न धर्म मानने वाले अनुसूचित जाति वर्ग की परिभाषा से परिभाषित नहीं होते हैं।
वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के बहुत से लोगों के द्वारा इसाई धर्म अपना लिया गया है व उसे मानने लगे हैं। इसके बाद भी ये सभी व्यक्ति अनुसूचित जाति वर्ग से प्राप्त होने वाले सभी तरह के लाभ को प्राप्त कर रहे हैं जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 का विखंडन है। यू आर.महिलांगे ने मांग की है कि ऐसे सभी धर्म परिवर्तन वाले व्यक्तियों का सर्वे करवाकर इनका अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र निरस्त कराया जाए व मिलने वाले लाभ पर रोक लगाई जाए। इस मांग ज्ञापन की प्रतिलिपि कलेक्टर व कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक को देते हुए कहा गया है कि कानूनी कार्यवाही नहीं करने पर कटघोरा और पोड़ी-उपरोड़ा क्षेत्र का सामाजिक सौहाद्र्र बिगडऩे की प्रबल संभावना समिति के द्वारा जताई गई है। वर्तमान समय में नारायणपुर जिला में बिगड़े सामाजिक सौहाद्र्र की पुनरावृत्ति कोरबा जिला में न हो।