रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दी 10 जुलाई को आन्दोलन की चेतावनी

कोरबा 8 जुलाई। एसईसीएल गेवरा खदान के अंदर ओबी का काम करने आए हरेराम गोदरा कंपनी की मुश्किलें एक बार फिर बढऩे वाली है क्योंकि खदान प्रभावित गांव उमेंदीभाठा, बाम्हनपाठ, भिलाईबाजार, मुडिय़ानार के ग्रामीणों ने युवा नेता मुरली महंत के नेतृत्व में कंपनी के एक अधिकारी को हटाने तथा कंपनी में क्षेत्रीय बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर 10 जुलाई को उसके खिलाफ आंदोलन छेडऩे की चेतावनी दी है। इस दौरान कंपनी के कार्यों को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश उपाध्याक्ष मुरली महंत ने बताया कि एसईसीएल गेवरा खदान में छत्तीसगढ़ के बाहर की कंपनी हरेराम गोदरा ओबी का काम करने आई है। उक्त कंपनी के द्वारा बाहरी लोगों को यहां पर नौकरी दिया जा रहा है और जिनकी जमीन एसईसीएल को चली गई है एवं क्षेत्रीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है जबकि खदान से लगे ग्राम भिलाईबाजार, उमेंदीभाठा, बाम्हनपाठ, मुडिय़ानार एवं अन्य गांव जो कि एसईसीएल से प्रभावित भूविस्थापित एवं बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा रोजगार मांगे जाने पर कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ अभद्र व्यवहार कर लोगों को भगा दिया जाता है। ऐसी स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा हड़ताल या काम बंद कराया जाता है तो रलिया के जनप्रतिनिधियों, भिलाईबाजार के सरपंच एवं छिंदपुर के बीडीसी को बुलाकर कंपनी के अधिकारी अजय सिंह के द्वारा आपस में लड़ाया जाता है। उसके द्वारा कंपनी में तानाशाही, दादागिरी एवं अंग्रेज हुकूमत चलाया जा रहा है। दूसरे प्रांत से लगभग 300 लोगों को लाकर कैंप में रखा है। इन्हें कैंप से बाहर निकलने तक नहीं दिया जाता है। इसकी जानकारी कई बार एसईसीएल प्रबंधन गोदरा कंपनी, एसडीएम कटघोरा, तहसीलदार दीपका, चौकी प्रभारी हरदीबाजार को दी गई है जिस पर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। जिससे उनके हौसले बुलंद हैं। हमें बाध्य होकर कंपनी के खिलाफ 10 जुलाई को आंदोलन करना पड़ रहा है जिसमें उसके काम को पूरी बंद करा दिया जाएगा। इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन एवं ठेका कंपनी की होगी।

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