दादरखुर्द- ढेलवाडीह मार्ग पर दोबारा फ्लाई ऐश फीलिंग शुरू होने से पैदा होने लगी है कई तरह की शंका- कुशंका

कोरबा 22 जुलाई। डेढ़ माह पूर्व महापौर, नगर पालिक निगम आयुक्त, एस डी एम, तहसीलदार और अतिक्रमण रोधी दस्ता ने जिस जमीन पर फ्लाई ऐश डम्प करने पर रोक लगा कर ऐश परिवहन करते वाहनों को जप्त किया, वहां गुरुवार से फिर ऐश डम्प करना प्रारंभ कर दिया गया है। दादरखुर्द- ढेलवाडीह मार्ग पर दोबारा ऐश फीलिंग शुरू होने से की तरह की शंका-कुशंका पैदा होने लगी है, जिसमें लेन-देन से लेकर अतिक्रमण तक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

ज्ञात हो कि गत 31 मई को भिलाई खुर्द क्षेत्र में मनमाने ढंग से फ्लाई एश डंप किए जाने के मामले में लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। लोगों की शिकायत पर प्रशासन की टीम ने मौके का जायजा लिया था। इस दौरान राख लेकर आए कई वाहनों को जप्त कर लिया गया था।

उल्लेखनीय है कि उद्योगों से निकलने वाली राख ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समस्या का कारण कारण बनी हुई है। उद्योग प्रबंधन के द्वारा अपने संयंत्र से उत्सर्जित होने वाली राख डिस्पोज करने के लिए अनुमति प्राप्त की गई है। वाहनों के जरिए राख को संबंधित क्षेत्रों के लिए भिजवाया जा रहा है, लेकिन यह देखने को आ रहा है कि वाहन के चालक अपने हिसाब से कहीं भी राख डंप करने में लगे हुए हैं। इसके कारण रिहायशी और कृषि क्षेत्र को काफी नुकसान हो रहा है, लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसी ही शिकायत पर प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की गई और कुछ वाहनों को जप्त कर लिया गया था। भिलाई खुर्द क्षेत्र के पार्षद रूप सिंह ने तब बताया था कि राख डंप करने के लिए अनुमति जरूर ली गई है लेकिन गलत स्थान पर इसे डंप किया जा रहा है। इससे पहले दादर खुर्द सहित आसपास के कई ग्रामों में राख गिराए जाने के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इस पर भी यहां के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इस पर कहा गया था कि राख के ऊपर पानी का छिड़काव किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन ने कार्रवाई की थी तब उम्मीद बंधी थी कि इस तरह की मनमानी पर रोक लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ ही दिन नजर आया और अब फिर वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया है।

फ़ाइल फोटो, फ्लाई ऐश फीलिंग पर रोक की कार्रवाई

याद रहे कि पूर्व में प्रशासन के द्वारा की गई जांच पड़ताल में भिलाई खुर्द की एक जमीन आखिरकार सरकारी पाई गई है। इसे लेकर अलग अलग दावे किए जा रहे थे और यहां पर राख डंप कराई जा रही थी। शिकायत पर सीमांकन और आगे की प्रक्रिया कराई गई। इसके साथ मामला स्पष्ट हो गया। प्रशासन के द्वारा एक जमीन को लेकर की गई जांच पड़ताल में आखिरकार पूरा मामला साफ हो गया। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भिलाई खुर्द वार्ड में एक खाली जमीन पर पिछले कुछ दिनों से राख डंप की जा रही थी। अंधेरे का फायदा लेकर रात में इस काम को किया जा रहा था। इसके साथ ही जमीन को अपना बताने की कोशिश की जा रही थी। इस काम को कोरबा के किसी संजय जायसवाल के द्वारा कराए जाने की जानकारी लोगों के द्वारा दी गई। लोगों ने बताया कि उनकी जानकारी में जमीन स्थानीय लोगों की है जिस पर खेती-बाड़ी के काम किए जाते हैं जबकि राख डंप करने वाला व्यक्ति जमीन पर अपना कब्जा बता रहा है।

आपको बता दें कि पिछले दिनों इस तरह के दावे किए जाने पर प्रशासन हरकत में आया और इस जमीन की नाप जोक कराई। जानकारी के अनुसार जांच पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ है कि जमीन किसी भी व्यक्ति की नहीं है बल्कि यह सरकारी है। रिकॉर्ड की छानबीन में भी इसकी पुष्टि हुई है। खास बात यह रही कि कोरबा निवासी जो व्यक्ति जमीन पर अपना अधिकार जताने के साथ यहां पर राख डंप करवा रहा था, वह जांच के दौरान उपस्थित नहीं हुआ। इससे पहले कोरबा जिले में सरकारी जमीन को हथियाने के लिए कई तरह की कोशिशें हो चुकी हैं। गैर सर्वेक्षणकृत गांव के मामले में इस तरह यह किस्से कुछ ज्यादा ही प्रकाश में आ चुके हैं। जबकि कुछ मामले कोरबा शहर से भी जुड़े हुए हैं। बीते दिनों इसे लेकर गेवरा क्षेत्र की एक महिला ने अधिकारियों के द्वारा अनावश्यक दबाव बनाए जाने की शिकायत ऊपर तक की थी। समय के साथ कोरबा में जमीन के रेट काफी बढ़ रहे हैं, इसलिए यहां वहां सरकारी जमीन को हथियाने के लिए नए नए तरह के दांव पेंच खेलने की कोशिश की जा रही है।

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