दुष्कर्म का झूठा केस पड़ा युवती को महंगा.. अब देना होगा 15 लाख मुआवजा

चेन्नई. युवक पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाना एक युवती को महंगा पड़ गया। कोर्ट ने युवती को मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक युवक को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान उसे सात साल तक मुकदमा का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही जेल में 95 दिन गुजारे थे। 12 फरवरी, 2010 को वह जमानत पर जेल से बाहर आया। लेकिन वह केस झूठा निकला।

संतोष नाम के इस व्यक्ति के केस में यह बात निकलकर सामने आई कि जिस लड़की ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था उसकी बच्ची का डीएनए संतोष से मेल नहीं खाया। इसके बाद संतोष ने झूठा आरोप लगाने वाली लड़की के खिलाफ मुआवजे के लिए मुकदमा दायर किया।

संपत्ति विवाद के बाद अलग रहने लगा परिवार

दोनों परिवारों के बीच इस बात को लेकर सहमित बनी हुई थी कि संतोष महिला से शादी करेगा। हालांकि आगे चलकर दोनों परिवारों के बीच संपत्ति विवाद हो गया। इसके बाद संतोष और उनका परिवार चेन्नई में ही दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गया।

संतोष ने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक के लिए दाखिला लेकर पढ़ाई शुरू कर दी। तभी एक दिन लड़की की मां संतोष के घर पहुंची और उसने संतोष के माता-पिता से कहा कि उसने लड़की से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती कर दिया है। लड़की के परिजनों ने मांग की कि संतोष का परिवार उनके विवाह की व्यवस्था करें।

इसलिए दायर किया हर्जाने का मुकदमा

संतोष ने यह कहते हुए हर्जाने के लिए मुकदमा दायर किया कि उसे केस के लिए 2 लाख रुपये खर्च करने पड़े। वह एक वाणिज्यिक ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं प्राप्त कर सका और उसे एक कार्यालय सहायक के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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