मुख्यमंत्री साय के कर्म क्षेत्र में शर्मनाक घटना: जिला पुलिस और प्रशासन की कार्य प्रणाली पर लगा सवालिया निशान
रायगढ़ 21 अगस्त। जिले के पुसौर ब्लाक की एक आदिवासी महिला के साथ रक्षा बंधन के दिन हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना से छत्तीसगढ़ शर्मसार है। इस घटना ने रायगढ़ जिले की पुलिस की कार्य प्रणाली को भी बेनकाब कर दिया है।
रक्षा बंधन 19 अगस्त की घटना को लेकर महिला की रिपोर्ट पर पुसौर पुलिस ने एक दर्जन युवकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इनमें से 7 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। शेष युवकों की आयु 18 से 21 वर्ष बताई गई है।
इस मामले में कसाई पाली गांव के लोगों का आरोप है कि पूरे पंचायत क्षेत्र में कई लोग कच्ची शराब बनाने और बेचने का काम करते हैं। इस घटना को भी शराब पीने वाले युवकों ने अंजाम दिया है। उनका आरोप है कि पुलिस इन शराब बनाने बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करती।
पुलिस का एक और विद्रूप रूप उस समय सामने आया, जब गिरफ्तार आरोपियों को लग्जरी वाहन में पुलिस थाना से कोर्ट भेज गया। यह वाकया भी पुलिस की कार्य प्रणाली को उजागर करता है।
इस बीच घटना के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने तो एक जांच समिति भी गठित कर दी गई। इस सामूहिक दुष्कर्म मामले में टीम पीड़िता के गांव जाकर ग्रामीणों से बात कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इस समिति में सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े, लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, विधायक बिलाईगढ़ कविता प्राणहरे, विधायक सरायपाली चातुरी नंद और रायगढ़ कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण मालाकार शामिल हैं। कमेटी को तत्काल घटना स्थल जाकर पीड़िता से मिलकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
रायगढ़ जिला पुलिस संवेदनशील मामलों में लगातार लापरवाही बरतती आ रही है। जिला पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। देखना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कर्म क्षेत्र में हुई इस शर्मनाक घटना को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन की नकेल कसी जाती है या नहीं?