MP हाईकोर्ट के पूर्व जज BJP में हुए शामिल.. अपने निर्णयों को लेकर हमेशा रहे चर्चा में
भोपाल. हाईकोर्ट के एक और जज ने राजनीती की राह पकड़ ली है। पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट के बाद अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहित आर्य ने शनिवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने भोपाल पार्टी कार्यालय में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। जस्टिस आर्या तीन महीने पहले ही रिटायर हुए थे।
रोहित आर्य को साल 2013 में हाईकोर्ट का जज बनाया गया था। साल 2015 में वे स्थायी जज बने। जस्टिस आर्य 27 अप्रैल 2023 को रिटायर हुए थे। उनके द्वारा कई ऐसे फैसले दिए गए, जिन्होंने देश में खूब सुर्खियां बटोरी थी।
मुनव्वर फारूकी को जमानत देने से इंकार
नए साल में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उन्होंने आरोपी कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और नलिन यादव को जमानत देने से इंकार कर दिया था। दोनों पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। उन्होंने अपने आदेश में कहा था सौहार्द्र और भाईचारे को प्रोत्साहित करना हर भारतीय नागरिका का संवैधानिक कर्तव्य है। भले ही उस व्यक्ति का धर्म, भाषा और जाति कुछ भी हो। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए मुनव्वर फारूकी को जमानत दे दी थी।
यह जजमेंट भी सुर्खियों में आया
एक महिला के साथ अभद्रता करने वाले को जमानत देने पर भी जस्टिस आर्य का नाम सुर्खियों में आया था। उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी रक्षाबंधन पर शिकायतकर्ता महिला के घर जाकर उससे राखी बंधवाए और उसको आजीवन रक्षा करने का वचन देगा। उनके इस फैसले की आलोचना हुई थी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी।
इसके साथ ही जस्टिस आर्य ने एक मामले की सुनवाई करते हुए एक सब इंस्पेक्टर की जमकर क्लास लगाई थी। सब इंस्पेक्टर ने एक मामले में जिला कोर्ट को हाईकोर्ट जाने की धमकी दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सब इंस्पेक्टर वकीलों को बार-बार रोक कर खुद बीच में बोल रहा था। जिस पर जस्टिस आर्य ने सब इंस्पेक्टर को जमकर फटकार लगाई थी। उऩ्होंने कहा था यह तो कांस्टेबल बनने के भी लायक नहीं है। यह खुद को न्यायापालिका से भी ऊपर समझ रहा है। इस मामले ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी।