पाली में टुकड़ो में मिली लाश का हुआ पर्दाफाश.. नाबालिग प्रेमिका ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पूर्व प्रेमी की हत्या

आरोपी एवं विधि से संघर्षरत बालिका हिरासत में

आरोपी को ट्रांजिट रिमाण्ड में उड़ीसा से लाया गया

पहचान छिपाने के उद्देश्य से आरोपी द्वारा शव के टुकड़े-टुकड़े कर डेम में फेका

हत्या में प्रयुक्त लोहे का कत्ता को किया बरामद

कोरबा 12 जुलाई। कोरबा पुलिस के द्वारा पाली के गोपालपुर गांव में टुकड़ों में मिली लाश की गुत्थी सुलझा ली गई है। मामला में मृतक मोहम्मद वसीम अंसारी की हत्या उसकी प्रेमिका नहीं अपने वर्तमान प्रेमी के साथ मिलकर की थी। तत्पश्चात सबूत मिटाने और मृतक की पहचान छुपाने के लिए लाश के टुकड़े कर अलग-अलग बोरी व बैग में भरकर डैम में फेंक दिया गया था।

दिनांक 10.07.2024 को पुलिस को सूचना मिली कि गोपालपुर चौकी चैतमा के डेम से बोरी में कटे हुये कई टुकड़ो में शव मिला है। सूचना पर थाना पाली में मर्ग क्रमांक 90/2024 पंजीबद्ध कर कार्यवाही पंचनामा में लिया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक कोरबा श्री सिद्धार्थ तिवारी द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कटघोरा श्रीमती नेहा वर्मा, एसडीओपी कटघोरा श्री पंकज ठाकुर, एफएसएल सीन ऑफ क्राईम युनिट कोरबा के प्रभारी सत्यजीत कोसरिया एवं थाना पाली/चौकी चैतमा सहित सायबर टीम को इस मामले का खुलासा करने के निर्देश दिये गये।

पुलिस अधीक्षक कोरबा के निर्देश पर उपरोक्त अधिकारियों की टीम द्वारा मौके पर पहुॅचकर कार्यवाही पंचनामा की गई। मृतक का शव दो बोरियों के साथ-साथ एक पिठठूनुमा बैग में गोपालपुर डेम से बरामद किया गया। शव के टुकड़ो के साथ मिले आधार कार्ड, पासपोर्ट एवं फ्लाईट टिकिट के आधार पर मृतक की पहचान
मोहम्म्द वसीम अंसारी पिता मो. जमीर अंसारी उम्र लगभग 26 साल निवासी कांतातोला रांची झारखण्ड के रूप में हुई। मो. वसीम पिछले दो वर्षो से सउदी अरब में रह रहा था। मृतक के जुडे पहलुओं की जांच पर यह तथ्य उजागर हुआ कि मृतक की सोशल मिडिया के माध्यम से ग्राम बांसटाल चैतमा थाना पाली की एक अवयस्क बालिका से परिचय हुआ था जो एक-दूसरे से चैटिंग करते रहते थे।

अवयस्क बालिका और हत्या का दूसरा आरोपी रजा खान पिता अब्दुल सत्तार खान उर्फ बादशाह उम्र-20 वर्ष निवासी-बांसटाल चैतमा थाना-पाली जिला कोरबा एक-दूसरे को चाहते थे। अवयस्क बालिका द्वारा रजा खान को पूर्व प्रेमी मो. वसीम के सउदी अरब से वापस आने की जानकारी दी गई। दोनों आरोपियों ने यह सोचकर की विदेश से आ रहा है तो काफी रूपये पैसे लेकर आ रहा होगा मृतक मो. वसीम अंसारी को दिनांक 01.07.2024 को फ्लाईट से दिल्ली और दिल्ली से रांची और दिनांक 02.07.2024 को ट्रेन से बिलासपुर बुलाया। रजा खान द्वारा किराये पर उपलब्ध कराये गये बोलेरो वाहन में प्रेमिका बिलासपुर गई और वसीम को लेकर आरोपी रजा खान के घर आ गई।

प्लानिंग के अनुसार रात्रि करीब 11ः00 बजे आरोपी बालिका और मो. वसीम बाते कर रहे थे कि रजा खान ने पीछे से एक लोहे के कत्ता (मुर्गी काटने वाले) से वसीम अंसारी के गर्दन में पीछे से वारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वसीम तडपने लगा, प्रेमिका वसीम का पैर पकड़े थी और रजा खान ने ताबड़तोड़ वारकर सिर को धड़ से अलग कर दिया फिर दोनों ने मिलकर वसीम के हाथ पैर धड़ को टुकड़े-टुकड़े कर अलग-अलग तीन बोरी, पिठठू बैग एवं एक ट्रॉली बैग में ईट डालकर बांधकर बांगो डेम में फेंक दिया। सबेरा हो जाने से शव के शेष बचे हिस्सो को घर में छिपाकर रखा था जिसे दिनांक 03.07.2024 की रात्रि लगभग 11ः00 बजे स्प्लेंडर मोटर साईकिल से गोपालपुर डेम में फेंक कर घर वापस आ गये। मृतक वसीम द्वारा पहनी हुई सोने की चैन और अन्य सामान घर में छिपा दिया। प्रेमिका को मृतक के मोबाईल का पासवर्ड पता रहने से वसीम के मोबाईल के यूपीआई आईडी को चेक किया और खाते में जमा 03 लाख रूपये को आरोपी ने अपने तथा कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर कर प्रेमिका के लिए ज्वेलरी तथा अपने लिए मोबाईल व किराये बोलेरो का पेमेंट कर दिया।

आरोपी रजा खान पिता अब्दुल सत्तार उर्फ बादशाह उम्र-20 वर्ष निवासी-बांसटाल चैतमा थाना-पाली जिला कोरबा को गिरफ्तार कर उड़ीसा से ट्राजिट रिमाण्ड पर लाया गया और उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयोग किया गया कत्ता, मोटर सायकल एवं मृतक का मोबाईल जब्त किया गया। आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर प्रकरण की सहअभियुक्ता विधि से संघर्षरत बालिका की सामाजिक प्रास्थिति फार्म भरवाकर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।

उक्त कार्यवाही नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र कुमार मीना के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पाली निरीक्षक चमन लाल सिन्हा, चौकी प्रभारी चैतमा चन्द्रपाल खाण्डे, विमलेश भगत, ASI पुरसोत्तम उइके, आरक्षक अनिल कुर्रे, आशीष साहू तथा सायबर टीम के प्रआर राजेश कंवर, चन्द्रशेखर पाण्डेय, आर. रवि चौबे, डेमन ओग्रे, बिरकेश्वर प्रताप सिंह, आलोक टोप्पो, सुशील यादव, मआर. सुशमा डहरिया एवं थाना पाली/चौकी चैतमा के कर्मचारियों की भूमिका सराहनीय रही।

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