मनरेगा से बनी डबरी से बढ़ गया ननकूदास का आत्मविश्वास

दोहरी फसल के साथ सब्जी बाड़ी और मछलीपालन से अर्जित कर रहे आजीविका

जांजगीर-चांपा 18 जून 2024. पानी की समस्या को डबरी के जरिए दूर करने की यह कहानी है ग्राम मौहाडीह निवासी ननकूदास पिता कान्हादास की है, जिनके पास खेती के लिए जमीन है और खेती किसानी के साथ ही सब्जी-भाजी लगाकर उसे बेचना भी है, लेकिन पानी की समस्या ननकू के लिए बड़ी समस्या थी और इसका निदान भी जरूरी था। ऐसे में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना ने उनकी इस समस्या का निदान किया और उनके खेत में डबरी बनाकर जब दी। तो उनकी परेशानी कम हुई और माथे पर आई शिकन भी दूर हो गई। आज वह अपने परिवार के साथ खुशहाली के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
सफलता ऐसे नहंी मिलती है इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और इस मेहनत में महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर और जनपद पंचायत बम्हनीडीह से 8 किलोमीटर दूर मौहाडीह च गांव में रहते हैं ननकूदास। जो अपने परिवार के साथ बारिश की एक फसल लेकर जैसे तैसे अपने परिवार की जिंदगी की गाड़ी हांक रहे थे, ऐसे में उन्हें महात्मा गांधी नरेगा से खेत में डबरी निर्माण होने की बात पता चलती फिर क्या था उन्होंने एक पल की देर किये बिना ही खेत में डबरी निर्माण के लिए मंजूरी दी और प्रस्ताव तैयार होकर जनपद से जिला भेजा गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2.839 लाख की लागत से डबरी का कार्य स्वीकृत कर दिया। डबरी निर्माण के कार्य में ननकू और उसके परिवार ने 30 दिवस काम किया और 5690 रूपए की मजदूरी प्राप्त की। इसके साथ ही गांव के 1313 दिवस का कार्य मजदूरों ने किया और 2 लाख 52 हजार 733 रूपए रोजगार से मजदूरी मिली। तकनीकी सहायता श्री मनोज दुबे ने डबरी निर्माण ने अब ननकूदास के खेत में बरसात का पानी रूकने लगा और डबरी को बरसात के पानी ने लबालब भर गया। खेत में पानी मिलने के बाद से उन्होंने दोहरी फसल लेना शुरू कर दिया और इसके साथ ही आसपास खाली पड़ी जमीन पर सब्जी बाड़ी लगाकर आमदनी अर्जित करने लगे। मछली पालन करते हुए उन्होंने डबरी में बीज डाले और मछली बड़ी होने लगी। इससे आने वाले समय में उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आजीविका के सतत बना रहेगा।

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