कोल परिवहन के नाम पर 540 करोड़ रूपये की अवैध उगाही

रायपुर। कोल लेवी मामले में EOW ने बिलासपुर और कोरबा के दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया है। चंद्रप्रकाश जायसवाल और हेमंत जायसवाल दोनो कारोबारी सगे भाई है। स्पेशल कोर्ट ने दोनो को 20 जून तक रिमांड पर EOW को सौंप दिया है।

EOW की टीम ने एक बार फिर जांच को बढ़ाते हुए करोड़ों रूपये की इस अवैध वसूली के मामले में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। एक दिन पहले ही 13 जून को EOW की टीम ने बिलासपुर के कारोबारी हेमंत जायसवाल और कोरबा से चंद्रप्रकाश जायसवाल को गिरफ्तार किया। EOW ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि दोनों आरोपी कोल लेवी के पैसों का कलेक्शन करते थे। जिसके पर्याप्त सबूत मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तारी कर रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। दोनों आरोपियों को कोर्ट ने आगामी 20 जून तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्लू को पूछताछ के लिए सौंपा है। EOW का दावा है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद इस मामले में और भी कई चैकाने वाले खुलासे हो सकते है।

बताया जा रहा है कि EOW के हत्थे चढ़े दोनों कारोबारी रिश्ते मेें भाई है। अपराध क्रमांक 03/2024, धारा 7, 7-ए, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धारा 120बी, 384, 420 भादंवि. की विवेचना के तारतम्य में 13.06.2024 को हेमंत जायवाल, बिलासपुर एवं चन्द्रप्रकाश जायसवाल कोरबा को अपराध में संलिप्तता के आधार पर ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कोल परिवहन के नाम पर 540 करोड़ रूपये की अवैध उगाही की गई थी। कोल परिवहन के नाम पर हुए अवैध कोल लेवी मामले में ईडी ने पहले ही आईएएस अफसरों के साथ ही पूर्व सीएम की उप-सचिव सौम्या चैरसिया, कोरबा की पूर्व कलेक्टर आईएएस रानू साहू और कोयला कारोबारियों को अरेस्ट कर चुकी है। अभी 540 करोड़ रूपये के इस कोल लेवी घोटाले की जांच ईओडब्लू कर रही है।

Spread the word