कुसमुुंडा में क्षतिग्रस्त बंकर को सुधारने का काम तेज

सुधार के बाद कन्वेयरिंग सिस्टम से साइलो तक पहुंचेगा कोयला

कोरबा 29 मई। कोल इंडिया की आनुषांगिक कंपनी एसईसीएल के कुसमुंडा खदान परिसर में क्षतिग्रस्त हुए बंकर को सुधारने का काम एसईसीएल प्रबंधन द्वारा तेज कर दिया गया है।

खनन फेस से कन्वेइंग सिस्टम के जरिए दो बंकरों से होकर साइलो तक कोयला सप्लाई का है। यह शुरू होने के बाद क्रशर प्लांट तक भारी वाहनों से कोयला लाना नहीं पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी। साथ ही मालगाड़ी से कोयला परिवहन में रोजाना की रैक की संख्या बढ़ जाएगी। खनन फेस से सीधे साइलो तक कोयला भेजा जा सकेगा। एसईसीएल कुसमुंडा खदान से सालाना कोयला उत्पादन 55 मिलियन टन से अधिक तक ले जाने भविष्य की योजना से मालगाडियों से कोयले की रैक बढ़ाने माइंस परिसर में 544 करोड़ की लागत से इन पिट कन्वेइंग सिस्टम का निर्माण कराया जा रहा है। इस सिस्टम में दो बंकरों का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके कन्वेयर बेल्ट का एक छोर साइलो और दूसरा खनन फेस तक रहेगा। इससे खनन फेस से कोयले का उठाव कर भारी वाहनों से क्रशर प्लांट तक लाना नहीं पड़ेगा। 8 दिन पहले बंकर क्षतिग्रस्त हो गया था। जनहानि नहीं होने से बड़ा हादसा टल गया था। हालांकि बंकर का शेड और लोहे का स्ट्रक्चर झुक गया था। अब इसका सुधार कार्य शुरू हो गया है। एरिया सेफ्टी कमेटी ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य कराने वाले निजी कंपनी के अधिकारियों से घटना की जानकारी ली है। रिपोर्ट तैयार कर एसईसीएल प्रबंधन से सुरक्षा की मांग करेंगे।

इन पिट कन्वेइंग सिस्टम से दो बंकरों का निर्माण कराया जा रहा है। एक बंकर की क्षमता 20 हजार टन कोयला स्टॉक की है। जब कभी किसी कारण से खदान का उत्पादन प्रभावित हुआ तब भी बंकर में स्टोरेज कोयला साइलो तक पहुंचाकर मालगाडियों में लोडिंग की सुविधा रहेगी। यही कारण है कि कुसमुंडा खदान में इन पिट कन्वेइंग सिस्टम जरिए खनन फेस से बंकर और वहां से साइलो तक कोयला पहुंचाने का है। बंकर से जुडने के बाद साइलो से रोजाना 20 रैक कोयला मालगाडियों से भेजा सकेगा। अभी 10 रैक रोजाना कोयले का परिवहन होता है। इससे कोयला परिवहन क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

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