माउंट एवरेस्ट फतह करने की थी अंतिम इच्छा.. इसी सफर में हो गई बंशीलाल की मौत
कांकेर 28 मई। साइकिलिंग में विश्व रिकॉर्ड बना चुके और एथेलिस्ट, पर्वतारोही, बाइक राइडर, प्रेरक वक्ता, छत्तीसगढ़ पुलिस कमांडो ट्रेनर बस्तर कांकेर जिला के बंशी लाल नेताम का निधन हो गया है। इस साल अप्रैल महीने में वे माउंट एवरेस्ट शिखर (8850+ मीटर) के लिए नेपाल गए थे, उन्होंने 19 मई 2024 तक 6400 मीटर पूरा किया। 20 मई को माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान अचानक तबियत बिगड़ी तो उन्हें नेपाल के HAMS अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था। जहा सोमवार की दोपहर 3 बजे उनका निधन हो गया।
कांकेर शहर के नजदीक कोदाभाट निवासी बंशीलाल नेताम ने साइकिलिंग में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर अपनी पहचान बनाई थी। साइकिल से हमारे देश के स्वर्णिम चर्तुभुज जिसकी लंबाई लगभग 6000 किमी है, इसे महज 16 दिन 16 घंटे में साइकिल से नाप कर यह रिकार्ड अपने नाम कर लिया था। जिसे दिल्ली के लाल किले में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के भारत प्रमुख आलोक कुमार ने कई विदेशी मेहमानो के सामने उन्हें प्रमाण-पत्र सौंपा था.
बंशीलाल मोटर साइकिल से दो बार पूरे भारत का भ्रमण कर चुके हैं। बंशी नेताम छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल भी थे जो बीजापुर सहित दक्षिण बस्तर, कांकेर के कई संवेदनशील इलाके में नक्सली मोर्चो में काम कर चुके। दर्जनों पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल बंशीलाल अपनी गोली का शिकार कई नक्सलियों को बना चुके हैं। बंशी लाल के साथी जवान भी मानते हैं कि निशानेबाजी में बंशी का निशाना अचूक है। जब उन्हें दिल्ली में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से नवाजा गया तब उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस का बैनर लहराना नहीं भूला। वहां उपस्थित अन्य नागरिकों ने बंशी के अपने विभाग के प्रति समर्पण की तारीफ की।
वही उत्तराखंड स्थित कालानाग पर्वत फतह करने वाले बंशीलाल नेताम छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति बने थे उन्होंने11 दिन तक माइनस 15 डिग्री तापमान में चढ़ाई कर छह हजार मीटर से भी अधिक की चढ़ाई पूरी की थी. यही नही कांकेर के कई ग्रामीण बच्चो को पर्वतारोहण के साथ पुलिस और फौज में भर्ती होने के लिए निःशुल्क ट्रेनिग भी देते थे अचनाक उनके मौत से पुलिस विभाग समेत उनके छात्रों में शोक पसर गया है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उनका शव बुधवार को कांकेर लाया जा सकता है।