बेटे को बचाने मां का लीवर ट्रांसप्लांट होने से पहले मासूम ने तोड़ा दम

कोरबा 26 मई। लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे बेटे को बचाने में एक मां ने कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटे को बचाने एक मां ने अपनी लीवर देने को तैयार हो गईए पर लीवर ट्रांसप्लांट के पहले ही बेटे ने दम तोड़ दिया। मां का धर्म निभाते हुए बेटे के प्रति एक मां की यह समर्पण समाज के लिए आदर्श है। बेबसए लाचार और दुखी मां ने अपने लीवर फेल्योर मासूम बच्चे की जिंदगी बचाने अपना लीवर डोनेट करने का फैसला लिया और आपरेशन की तैयारी भी हो चुकी थीए लेकिन नियति को शायद कुछ और मंजूर था। मासूम प्रियांशु ने जिदगी और मौत से संघर्ष करते हुए अंततः इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पाली में कक्षा पांचवी के छात्र प्रियाशु 10 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 12, नगर पंचायत पाली, लीवर में गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। उसे एम्स रायपुर में भर्ती कराकर इलाज किया जा रहा था, जहां से गहन चिकित्सा के लिए एम्स दिल्ली रेफर कियाए लेकिन स्थिति नाजुक होने के कारण एम्स दिल्ली के स्पेशलिस्ट डाक्टर एम्स रायपुर आकर बालक की मां गायत्री द्वारा डोनेट होने वाले लीवर का ट्रांसप्लांट करने वाले थे। बालक के इलाज के लिए शासन स्तर पर और अन्य माध्यम से आर्थिक मदद मिल रहा था। इंटरनेट मीडिया में मदद की अपील के बाद मानवता के लिए समर्पित जनों की ओर से मुक्त हस्त आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ। इसमें 85,101 रुपये की राशि विगत दिनों स्वजनों को घर जाकर सौंपा गया। तब स्वजनों ने बताया कि लीवर फेलवर की स्थिति में है। लीवर ट्रांसप्लांट के लिए मां का लीवर मैच हो गया है, जो लीवर डोनेट करेगी। अगले कुछ दिन बीमार बालक के लिए क्रिटिकल रहेंगे, स्वजनों ने सहयोग के लिए आभार जताते हुए बच्चे की जिंदगी के लिए ईश्वर से प्रार्थना. दुआ करने कहा। लोगों ने दुआएं भी की, लेकिन बालक की जान नहीं बच पाई। अंतिम संस्कार कवर्धा जिले धवईपानी किया गया।

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