संस्कार शिविर में बच्चों को मिल रही चरित्र निर्माण की शिक्षा

कोरबा 20 मई। ग्रीष्म अवकाश में स्कूली छात्रों को अगले कुछ दिन और राहत मिलेगी। ऐसे में वे क्या करें। उनकी बड़ी संख्या रिश्तेदारों के यहां चली गई है तो कुछ संख्या सैर सपाटे पर निकली है। फिर भी बड़ा वर्ग अपने घरों पर है जो विभिन्न कार्यों में जुटा हुआ है। ऐसे बच्चों के लिए चरित्र निर्माण पर आधारित शिविर कई जगह चल रहे हैं। संस्कार की जड़े मजबूत करना इसका उद्देश्य है।

नगर और उपनगरीय क्षेत्रों के साथ कस्बों में इस प्रकार का प्रयास सामाजिक संगठनों ने किया है। सरस्वती शिक्षा समिति, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय, गायत्री परिवार, आर्ट ऑफ लिविंग सहित कई संगठन इस कड़ी में शामिल हैं, जिन्होंने हजारों बच्चों को ऐसे शिविरों में भागीदारी के लिए तैयार किया। ऐसे शिविर प्रतिदिन सुबह-शाम चल रहे हैं जो निरूशुल्क हैं। शारीरिक अभ्यास के साथ-साथ योग, वैदिक गणित, आर्ट एंड क्राफ्ट और खेलो व सीखो जैसी प्रमुख गतिविधियां इसमें शामिल की गई है। इसके साथ ही घर, परिवार और समाज के स्तर पर आवश्यक व्यवहार एवं संस्कार पर भी जोर दिया गया है। अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक से लेकर मोटिवेटर के साथ-साथ नैतिक शिक्षा के लिए काम कर रहे वर्ग की सेवाएं शिविर में ली गई है जो सहज और आसान तौर-तरीके से बच्चों को जानकारी दे रहे हैं। इसके साथ ही योग शिक्षकों के द्वारा दिया जा रहा मार्गदर्शन भी उपयोगी साबित हो रहा है। अनिवार्य रूप से शिविर के अंतिम सत्र में प्रार्थना से बताने की कोशिश की जा रही है कि मन में अच्छी भावना होने से हमारा व्यक्तित्व किस प्रकार से निखर सकता है।

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