सामाजिक तनाव वाले आवंटित भूमि रद्द हो-सिन्हा
कोरबा 07 मार्च। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कोरबा कलेक्टर से मांग कि है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासन काल में शासकीय भूमि जिस पर 100 वर्षों से अधिक समय से काबिज मसीही समाज की भूमि को दो समाजों में तत्कालीन राजस्व मंत्री द्वारा आवंटित कराया गया था जो गलत है ऐसे भूमि से जहां समाज के बीच विद्वेष ,तनाव व शांति भंग हो ऐसे आवंटित भूमि को रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाए क्योंकि कोरबा के 90ः भूमि कोरबा के रानी जो अनुसूचित जनजाति से है तथा एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि है कोयला निकालने के बाद खाली भूमि पर हजारों लोगों का शासकीय भूमि पर कब्जा है ऐसी स्थिति में मसीही समाज मिशन रोड में सन 1919 के पूर्व से चर्च की स्थापना व मसीही समाज की गतिविधियों का केंद्र रहा है जिसमें ज्योति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी स्थापित है ।
ऐसे भूमि जो 100 वर्षों से अधिक समय से मसीही समाज के अधीनस्थ है जिसे बिना रिक्त कराए छत्तीसगढ़ शासन को किसी अन्य समाज को आवंटित करने का अधिकार गैरकानूनी है। शासकीय भूमि पर जो भी व्यक्ति काबिज रहता है उसे परिस्थितियों के आधार पर खाली करने का शासन को अधिकार है लेकिन किसी समाज द्वारा 100 वर्षों से शासकीय भूमि पर काबिज है तो उसे अन्य समाज को आवंटित करने के बजाय काबीज रहने वाले समाज को ही आवंटित करना चाहिए।
सिन्हा ने आगे बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवम्बर 2023 कोरबा के एक सार्वजनिक सभा में कहा था कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन में आवंटित शासकीय भूमि रद्द किए जाएंगे जिला प्रशासन को चाहिए कि तीन समाजों के बीच टकराव व तनाव रोकने के लिए विवादित भूमि का आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें ताकि शांतिप्रिय कोरबा तनाव मुक्त रहे।