बिगड़े मौसम से चरमराई बिजली आपूर्ति

कोरबा 28 फरवरी। मौसम विभाग की अग्रिम चेतावनी के बिना मंगलवार को दोपहर बाद मौसम ने क्या करवट ली, शहर से लेकर अंचल में व्यवस्था धराशायी हो गई। छोटे-बड़े पेड़-पौधों के उखडने के साथ कच्चे मकानों पर मुसीबत आ गई। बिजली तार के टूटने और कुछ स्थानों पर स्पार्किंग होने से आपूर्ति बाधित हो गई। घंटों परेशानी झेलने के बाद व्यवस्था को सामान्य किया जाना संभव हो सका।

फाल्गुन लगने के साथ मौसम के रंग-ढंग बदलने का सिलसिला तेज हो गया है और इस चक्कर में जन सामान्य की परेशानियों में बढ़ोत्तरी हो रही है। सीजन का पहला अंधड़ मंगलवार को लोगों के सामने पेश आया। इस दौरान तेज हवा चलने से सीएसईबी, एनटीपीसी और बालको के ऐश डाइक से उड़ी राख ने इलाके को समस्याग्रस्त कर दिया। वहीं हवा के दबाव से अपेक्षाकृत कमजोर समझे जाने वाले पेड़ों ने अपने अस्तित्व को खोने के साथ दूसरों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी। उन्हें जहां जगह मिली, वहीं गिर गए। इससे यातायात बाधित हुआ या फिर आसपास की कच्ची-पक्की दीवारें धराशायी हो गई। कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियां सीएसईबी की आपूर्ति लाइन पर भी गिरी और इससे बिजली वितरण छिन्न-भिन्न हो गई। खबर के मुताबिक वितरण शहरी संभाग कोरबा के साथ-साथ कटघोरा और ग्रामीण संभाग के अंतर्गत आने वाले कई क्षेत्रों में घंटों बिजली बंद रही।

सूचनाओं में बताया गया कि गढ़ उपरोड़ा, गेरांव, लेमरू, अरसेना, गहनिया, खेतार समेत कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इनका आकार चना से लेकर आंवला तक का बताया गया। खेतों में लगी रबी सीजन की फसलों पर इसका असर पड़ा। कृषि विभाग को इसकी जानकारी दी गई है ताकि वह मैदानी अमले से सर्वे कराने के साथ प्रभावितों को क्षतिपूर्ति देने को लेकर प्राथमिक काम करे। उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के साथ समस्या होने पर सुधार की जिम्मेदारी कर्मियों की है। यह काम निरूशुल्क होता होगा, यह एक धारणा है। बताया गया कि मंगलवार को मौसम के तेवर बिगडने के बाद अनेक स्थानों पर फाल्ट आने की घटनाएं हुई। उपभोक्ताओं के द्वारा कई बार शिकायत करने पर मैदानी अमला विलंब से सुधार के लिए पहुंचा। इसके साथ ही कर्मियों ने बिजली सुधार के नाम पर उपभोक्ताओं से अच्छी रकम वसूली।

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