भूमि गुप्ता ने तैराकी में तीन पदक के साथ की वापसी
कोरबा 26 फरवरी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने वाली छत्तीसगढ़ व कोरबा की बेटी व तैराक भूमि गुप्ता ने यहां डा. जाकिर हुसैन एक्वेटिक्स कांप्लेक्स में चौथे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में तैराकी प्रतियोगिता के आखिरी दिन स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के साथ अपनी जबरदस्त वापसी की है। करियर के लिए खतरा पैदा करने वाली कंधे की चोट की वजह से उन्हें सर्जरी की जरूरत पड़ी, जिसके कारण वह लगभग नौ महीने तक खेल से बाहर रहीं।
18 वर्षीया भूमि वापसी की राह पर है और शारीरिक कंडीशनिंग के मामले में अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ से कोसों दूर है। लेकिन नई दिल्ली में खेलो इंडिया ग्लेनमार्क सेंटर की प्रशिक्षु भूमि ने 200 मीटर व्यक्तिगत मेडल में 2 मिनट 32.43 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता और फिर 100 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य और चार बाय 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले व चार बाय 100 मीटर मेडले रीले में रजत पदक जीता। अपने गृह नगर कोरबा में पूर्व कोच जगदीश बनिक से तीसरी कक्षा में तैराकी शुरू करने वाली भूमि ने कहा कि चोट के बाद का समय मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत कठिन था। लेकिन मैंने उम्मीद नहीं खोई और नौ महीने के अंतराल के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्विमिंग कांप्लेक्स हैड कोच पार्थ प्रतिम मजूमदार से प्रशिक्षण के लिए वापस आई और फैसला किया कि मैं खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित करूंगी।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने के लिए क्वालीफाई करने के लिए, भूमि को पहले अखिल भारतीय यूनिवर्सिटी तैराकी प्रतियोगिता में अपना प्रभाव डालना था, जो उत्तर पूर्व में खेले जा रहे खेलों के चौथे संस्करण के लिए क्वालीफाइंग इवेंट के रूप में काम करता था।उन्होंने कहा कि मैं अखिल भारतीय विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में पदक जीतने में कामयाब रही और यहां अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध थी। भूमि ने बताया की विषम परिस्थितयों में माता पिता ममता अजय ने उसका उत्साहवर्धन किया। भूमि की नजरें अब इस साल जुलाई में होने वाली सीनियर नेशनल चौंपियनशिप पर टिकी हैं और उनका कहना है कि पदक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के उनके सपने की दिशा में एक मील का पथर साबित होगा।