कोरबा 25 फरवरी। जिले में जिला खनिज न्यास मद में कराए गए कार्य में करीब 1200 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद सीएजी की टीम ने कलेक्टोरेट में डेरा डाल दिया है। सीएजी की टीम 2015 से लेकर अब तक जो भी कार्य डीएमएफ के मद से कराए गए हैं, सभी रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। कोरबा जिले में डीएमएफ फंड में गड़बड़ी की गूंज विधानसभा में तक में हो चुकी है। वहीं इसी मामले में भूविस्थापितों की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है।

प्रदेश में कोरबा जिले में सर्वाधिक कोयले का उत्पादन होता है, जिसकी वजह से इस जिले को डीएमएफ का सर्वाधिक फण्ड भी मिलता है। डीएमएफ मद से किये जाने वाले अनाप-शनाप खर्चों को लेकर कोयला खदान से विस्थापितों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है। याचिका में कहा गया है कि डीएमएफ के तहत पूरे प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया गया है। कोरबा जिले में सर्वाधिक 1200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई है। राशि खर्च करते समय डीएमएफ रूल्स 2015 के नियम 25 (3), 12 (3), 12 (6) तथा 12 (2) का उल्लंघन किया गया है। याचिका में बताया गया है कि खनिज न्यास के कामकाज में टीडीएस कटौती नहीं की गई तथा ऑडिट भी नहीं कराया गया। खर्च की गई राशि का कोई हिसाब किताब भी नहीं रखा गया है। इस मामले की सीबीआई जांच जरूरी है। सुनवाई के दौरान सीबीआई व केंद्र सरकार से जवाब मिल गया।

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