कोरबा में पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी, भाजपा नेता ने लगाए गम्भीर आरोप

केंद्रीय मंत्री गिरिराज से जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग, मचा हड़कम्प

कोरबा 18 जनवरी। केंद्र प्रवर्तित योजना जल जीवन मिशन आकांक्षी जिला कोरबा में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।सत्ता परिवर्तन होते ही भाजपा नेता भी अब इस योजना में व्याप्त खामियों अनियमितताओं पर मुखर होने लगे हैं। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सहकारिता प्रकोष्ठ के सदस्य किशन लाल अग्रवाल ने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के कार्य में 5 बिंदुओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए समस्त स्वीकृत कार्यों की केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच करवाकर दोषी अधिकारी कर्मचारियों का चिन्हांकन कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया है। जिससे ठेकेदारों सहित अधिकारियों में हड़कम्प मचा है।

शिकायत पत्र में श्री अग्रवाल ने उल्लेख किया है कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी कर उपलब्धता की जांच किए बिना एवं टँकी निर्माण ,घटिया पाइप लाईन बिछाकर गुणवत्ताहीन चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। बिना कोई कार्ययोजना के कार्य करवाकर केवल लक्ष्य की पूर्ति के लिए शासन के करोड़ों रुपए पानी मे बहाकर योजना का पलीता लगाया जा रहा है। इस महती योजना को अधिकतर पंचायतों में बिना इंजीनियर के देखरेख में कार्य संपन्न कराया जा रहा है। साईड में सब इंजीनियर आता ही नहीं ,सिर्फ ऑफिस में बैठकर बिल बनाकर शासन के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है।

पूरे जिले में निर्धारित मापदंडों एवं गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है,केवल पाइप लाईन बिछा दिया जा रहा है ,जिससे चबूतरा निर्माण सफेद हाथी साबित हो रहा है। सीधे जनता से जुड़ी यह योजना विभागीय अमलों की उदासीनता एवं भ्रष्टाचार से कमर तोड़ रही है,मात्र शोपीस बनकर रह गई है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद अधिकतर जगह अभीतक घर घर जल नहीं पहुंचा है ,जनता अभी तक प्यासी है। प्रधानमंत्री की मंशा छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिला कोरबा में धूमिल होती जा रही है।श्री अग्रवाल ने इस महती योजना का जिले में सुव्यवस्थित क्रियान्वयन करवाने सहित कार्यों की केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच करवाकर दोषी अधिकारी कर्मचारियों का चिन्हांकन कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।पत्र से महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिले में सैकड़ों स्वीकृत कार्य बीजेपी के ही छुटभैये नेता कर रहे हैं ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र व राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों की शिकायत पर संज्ञान लेकर तत्काल जांच एवं उचित कार्रवाई करती है या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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